त्रिपुरा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से जिस तरह बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अराजकता दिखाते हुए वहां पर लेनिन की मूर्ति तोड़ी है उससे वामपंथियों में गुस्से की लहर दौड़ गयी है। वामपंथ के लोगों ने अब बीजेपी पर निशाना साध लिया है इसी क्रम में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) ने सपा व बसपा को गठबंधन देने का ऐलान कर दिया है। पार्टी के राज्य सचिव गिरीश शर्मा, हीरालाल यादव, सीपीआई(एमएल) के स्टैडिंग कमेटभ् के अरूण कुमार व फारवर्ड ब्लाक के एसएन सिंह चौहान के नाम से जारी पत्र में सपा व बसपा को समर्थन देने की बात कही गयी है। फूलपुर में पहले वामपंथ के प्रत्याशी जीतते थे इसलिए इस सीट पर वामपंथ के समर्थन के ऐलान से बीजेपी को झटका लग सकता है।
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संसदीय चुनाव 2019 से पहले बनने लगा महागठबंधन
सपा व बसपा जब से एक हुए हैं तब से यूपी में महागठबंधन होने लगा है। कांग्रेस को छोड़ दिया जाये तो अन्य दल अब सपा व बसपा के साथ आने लगे हैं। खास बात है कि अभी तक किसी ने नहीं सोचा था कि ऐसा हो पायेगा। पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वाेत्तर राज्यों में बीजेपी को मिली जीत के बाद से सारे समीकरण बदल गये हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सबसे पहले सपा प्रत्याशियों को समर्थन देने का ऐलान किया था इसके बाद अखिलेश यादव ने बसपा को धन्यवाद कहा था। अब देखना है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व सीएम योगी आदित्यनाथ विरोधी दलों के चक्रव्यूह को कैसे तोड़ते हैं।
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सपा व बसपा जब से एक हुए हैं तब से यूपी में महागठबंधन होने लगा है। कांग्रेस को छोड़ दिया जाये तो अन्य दल अब सपा व बसपा के साथ आने लगे हैं। खास बात है कि अभी तक किसी ने नहीं सोचा था कि ऐसा हो पायेगा। पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वाेत्तर राज्यों में बीजेपी को मिली जीत के बाद से सारे समीकरण बदल गये हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सबसे पहले सपा प्रत्याशियों को समर्थन देने का ऐलान किया था इसके बाद अखिलेश यादव ने बसपा को धन्यवाद कहा था। अब देखना है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व सीएम योगी आदित्यनाथ विरोधी दलों के चक्रव्यूह को कैसे तोड़ते हैं।
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