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काशी विद्यापीठ को C ग्रेडिंग मिलने से लगा तगड़ा झटका, यूजीसी से मिलने वाली सुविधाओ में होगी कटौती

locationवाराणसीPublished: Nov 06, 2018 06:19:00 pm

Submitted by:

Devesh Singh

परिसर को मिली है अब तक की सबसे खराब रेङ्क्षटग, वीसी ने ग्रेडिंग में सुधार के लिए की है अपील

Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith

Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith

वाराणसी. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को सी ग्रेडिंग मिलने से परिसर को सबसे तगड़ा झटका लगा है। पांच जिलो में मेडिकल से लेकर डिग्री कॉलेज तक की संबद्धता देने वाले विश्वविद्यालय को खुद ही सी ग्रेड मिला है तो अन्य कॉलेजों पर अच्छी ग्रेडिंग के लिए कैसे दबाव बनाया जायेगा। खराब ग्रेड मिलने से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं में कटौती होना तय है जिसका असर परिसर के विकास पर पड़ेगा।
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विश्वविद्यालय को अब तक की सबसे खराब ग्रेडिंग को लेकर परिसर में घमासान मचा हुआ है। वर्ष विश्वविद्यालय प्रशासन को खराब स्थिति में भी बी ग्रेड मिला था जो बाद में बढ़ कर बी प्लस हुआ था। इसके बाद रेटिंग में थोड़ी गिरावट हुई थी जो फिर से बी पर आ गयी थी। संबद्धता मिलने के बाद से परिसर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी हो गयी है जिसका असर परिसर के विकास पर पड़ा है। यूपी में सबसे अधिक ऑनलाइन काम काशी विद्यापीठ में ही होता है। ओएमआर शीट पर चुनाव कराने वाला परिसर का पहला राजकीय विश्वविद्यालय है, ऐसे में सभी को उम्मीद थी कि इस बार ए ग्रेड मिल सकता है लेकिन जब नेशलन असेसमेंट एंड एक्रिडिएशन (नैक) की रिपोर्ट आती है तो सी ग्रेड मिलता है। इसके बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन बैकफुट पर आ गया है।
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आपत्ति दर्ज कराने के लिए मिलता है एक माह का मौका
नैक की ग्रेडिंग से संतुष्ट नहीं होने पर विश्वविद्यालय प्रशासन को आपत्ति दर्ज कराने का एक मौका मिलता है इसके बाद ग्रेडिंग की फिर से जांच करायी जाती है यदि नैक आपत्ति के कारणों से संतुष्ट होती है तो ग्रेडिंग फिर बदली जा सकती है यदि ऐसा नहीं हुआ तो परिसर को तीन साल तक सी ग्रेड से ही काम चलाना होगा।
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यूजीसी से पिछले साल दिया था 10 करोड़ का अनुदान
यूजीसी से पिछले वित्तीय वर्ष 2017-18 में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन को १० करोड़ की आर्थिक मदद दी थी जिससे परिसर में आधारभूत सुविधाओं का विकास करने के साथ नये पाठ्यक्रम को चलाना था। वर्तमान वित्तीय वर्ष को खत्म होने में अभी कुछ माह ही बचा हुआ है लेकिन अभी तक अनुदान की ४० प्रतिशत राशि ही खर्च हुई है। ऐसे मेें खराब ग्रेड से यूजीसी की तरफ सुविधाओं में कटौती होती है तो इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
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