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सपा के सिंबल पर ही विजय मिश्रा विधायक बनते थे, लेकिन विधानसभा चुनाव 2017 में अखिलेश यादव ने विजय मिश्रा का टिकट काट दिया था। निषाद पार्टी ने विजय मिश्रा के साथ बाहुबली क्षत्रिय नेता धनंजय सिंह को भी टिकट दिया था लेकिन सिर्फ विजय मिश्रा ही चुनाव जीत पाये हैं। गोरखपुर संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में सपा ने निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को प्रत्याशी बनाया था। पार्टी के विधायक होने के बाद भी विजय मिश्रा ने प्रवीण के पक्ष में चुनाव प्रचार नहीं किया था। विजय मिश्रा ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह सपा का प्रचार करने नहीं जायेेंगे। इसके बाद से निषाद पार्टी से विजय मिश्रा के संबंध खराब चल रहे थे और अब बीजेपी को वोट देकर अपने मुश्किल बढ़ा ली थी।
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बाहुबली विधायक विजय मिश्रा की बीजेपी से नजदीकी बढ़ रही थी। इलाहाबाद में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी की सभा में विजय मिश्रा ने उनके साथ मंच शेयर किया था। विजय मिश्रा का अपने क्षेत्र में जलवा है इसलिए बिना किसी बड़े दल के सहयोग से भी चुनाव जीत जाते हैं।
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