बीजेपी में महत्वपूर्ण पद पर किस नेता को बैठाना है यह आरएसएस ही तय करता है। यूपी चुनाव २०१७ में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है। माना जा रहा था कि पीएम नरेन्द्र मोदी के पसंदीदा नेता रेलमंत्री मनोज सिन्हा थे और पीएम मोदी खुद चाहते थे कि मनोज सिन्हा को ही सीएम बनाया जाये। इसी बीच संघ ने हस्तक्षेप किया और सीएम योगी को प्रदेश की कमान सौंप दी गयी। इससे समझा जा सकता है कि संघ की भविष्य की रणनीति तय करता है और बीजेपी उसी अनुसार कार्य करती है। सप्ताहव्यापी बैठक में आरएसएस प्रमुख ने दलित वर्ग के साथ मुस्लिम महिलाओं में स्वंयसेवकों को अपनी पैठ बढ़ाने के लिए कहा है। गांव में अधिक से अधिक संघ की शाखा लगाना का भी निर्णय हुआ है। सूत्रों की माने तो संघ ने तय कर दिया है कि पीएम मोदी इस सीट से संसदीय चुनाव लड़ेंगे।
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तो फिर पीएम नरेन्द्र मोदी इस सीट से लड़ेंगे चुनाव
संघ की इच्छा है कि पीएम नरेन्द्र मोदी बनारस सीट से ही चुनाव लड़े। हालांकि अभी इस संदर्भ में आरएसएस ने अधिकृत जानकारी नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार संघ नहीं चाहता है कि पीएम मोदी इस सीट को नहीं छोड़े। पीएम मोदी अन्य सीट से चुनाव लड़ते हैं तो पूर्वांचल में बीजेपी को झटका लग सकता है। देश भर में यह संदेश जायेगा कि विकास नहीं होने के चलते ही पीएम मोदी ने अपनी संसदीय सीट छोड़ दी है। ऐसे में संघ ने स्वयंसेवकों को चुनाव के लिए तैयार करने को कह दिया है। अब देखना है कि संघ की बैठक के अनुसार बीजेपी किस तरह से अपनी चुनावी रणनीति बनाती है।
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संघ की इच्छा है कि पीएम नरेन्द्र मोदी बनारस सीट से ही चुनाव लड़े। हालांकि अभी इस संदर्भ में आरएसएस ने अधिकृत जानकारी नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार संघ नहीं चाहता है कि पीएम मोदी इस सीट को नहीं छोड़े। पीएम मोदी अन्य सीट से चुनाव लड़ते हैं तो पूर्वांचल में बीजेपी को झटका लग सकता है। देश भर में यह संदेश जायेगा कि विकास नहीं होने के चलते ही पीएम मोदी ने अपनी संसदीय सीट छोड़ दी है। ऐसे में संघ ने स्वयंसेवकों को चुनाव के लिए तैयार करने को कह दिया है। अब देखना है कि संघ की बैठक के अनुसार बीजेपी किस तरह से अपनी चुनावी रणनीति बनाती है।
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