यह भी पढ़े:-ओमप्रकाश राजभर इसलिए चाहते हैं कि बीजेपी गठबंधन से हटाये, जल्द हो सकता है बड़ा निर्णय, इस दल से हो चुकी है बात
पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के आधार पर संघ व बीजेपी आगे की रणनीति तय करेगी। संघ व बीजेपी की निगाहे एससी/एसटी एक्ट को लेकर लोगों में व्याप्त नाराजगी पर है यदि पांच राज्यों में इस एक्ट की नाराजगी को लेकर बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ता है तो सांसदों के टिकट देने में भी इसका असर होगा। ऐसे में संघ व बीजेपी किसी हाल में नहीं चाहेंगे कि सवर्ण व पिछड़ों का टिकट काट कर उन्हें और नाराज किया जाये। पांच राज्यों का चुनाव परिणाम बीजेपी के आशा अनुसार आता है तो यूपी में काम नहीं करने वाले सांसदों का टिकट बिना किसी झिझक के काटा जायेगा।
यह भी पढ़े:-पीएम नरेन्द्र ने जब लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर जनता से पूछा सवाल तो मिला यह जवाब
संघ की ग्राउंड रिपोर्ट बीजेपी के लिए संजीवनी बनती है। लोकसभा चुनाव 2014 व यूपी चुनाव 2017 में संघ की ग्राउंड रिपोर्ट ने बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनायी है। संघ की रिपोर्ट से बीजेपी को पता चल जाता है कि किन मुद्दों को लेकर चुनाव लडऩा है और किस सीट का समीकरण कैसा है। वर्तमान सांसद व विधायक से जनता कितनी खुश है इसकी जानकारी भी संघ के रिपोर्ट से ही मिलती है। बीजेपी के लिए टिकट वितरण में भी संघ की रिपोर्ट महत्वपूर्ण स्थान रखती है इसलिए संघ के सर्वे ने बीजेपी सांसदों की नीद उड़ा दी है। रिपोर्ट बेहद गोपनीय है इसलिए सांसद यह पता करने में जुटे हैं कि किसका नाम इस सूची में है और किसका नहीं।
यह भी पढ़े:-यूपी की इतनी सीटों पर है बाहुबली क्षत्रिय नेता राजा भैया का दखल, सपा व बसपा को ऐसे देंगे झटका