शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। शनि ग्रह के नजरे टेढ़ी हो जाये तो उससे कोई भी बच नहीं सकता है। वर्तमान समय की बात की जाये तो मकर, धनु व वृश्चिक राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है जबकि कन्या व वृषभ पर शनि की ढैय्या चल रही है ऐसे में शनि के वक्री होने पर इन पांच राशियों की समस्या बढ़ जायेगी। व्यापार में घाटा, आय में कमी, परिवार में कलह, वाहन चलाने में सावधनी नहीं बरती तो नुकसान, लेने-देने में सतर्कता आदि बरतनी होगी। वर्ना इन पांच राशियों के लोगों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। शनि के वक्री होने का मतलब होता है कि न्याय के देवता उल्टी चाल चलते हैं और ऐसे में मौसम में भारी परिवर्तन, राजनीति उठापठक भी आ सकता है। इन पांच राशियों के अतिरिक्त अन्य राशियों के लोगों पर शनि के वक्री होने का अधिक प्रभाव नहीं होगा।
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इन उपायों से होगा लाभ हनुमान चालीसा का पाठ, शनिदेव का पूजन, अच्छे कर्म आदि करने से लोगों को लाभ होगा और शनिदेव से मिलने वाला कष्ट को कम कर देंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिदेव न्याय करते हैं और शनिदेव जब नाराज होते हैं या फिर वक्री। तब लोगों को आर्थिक नुकसान के साथ मानसिक तनाव का भी सामना करना होता है। ऐसे में शनिवार के दिन शनिदेव मंदिर में जाकर खराब कर्मों के लिए माफी मांगने से भी लाभ मिलता है।
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