8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पश्चिम एशिया में कहां-कहां हैं अमेरिका के सैन्य अड्डे? ईरान इनको बना सकता है टारगेट, जानिए पूरी लिस्ट

Israel Iran War: अमे​रिकी हमले के बाद पश्चिम एशिया में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर ईरान के हमले की आशंका बढ़ गई है। अमेरिका ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद क्षेत्र के कई देशों में अपने सैनिक और नौसेना बेस बनाए हैं।

2 min read
Google source verification

कहां-कहां हैं अमेरिका के सैन्य अड्डे? (प्रतीकात्मक फोटो)

Israel Iran War: इजरायल-ईरान संघर्ष बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। अमेरिका ने इसमें एंट्री लेते हुए रविवार तड़के ईरान के तीन बड़े परमाणु ठिकानों फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर बंकर-तोड़ बमों से हमले किए। अमेरिका का दावा है कि हमलों में तीनों ठिकानों में भारी तबाही हुई, जबकि ईरान का कहना है कि मामूली नुकसान हुआ है। तीनों ठिकाने सुरक्षित हैं। संघर्ष में अमेरिका के कूदने से युद्ध फैलने का खतरा है। यदि ईरान पश्चिम एशिया में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर जवाबी हमला करता है और रूस-चीन उसका सक्रिय समर्थन करेंगे तो विश्व युद्ध का खतरा हो सकता है। हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने राष्ट्र के नाम संबाेधन में कहा कि ईरान अगर शांति समझौता नहीं करता और जवाबी हमला करता है तो हम फिर बड़े हमले करेंगे। या तो ईरान में शांति होगी या फिर विनाश।

अमेरिकी एयरस्ट्राइक के बाद खतरे में US बेस

अमे​रिकी हमले के बाद पश्चिम एशिया में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर ईरान के हमले की आशंका बढ़ गई है। अमेरिका ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद क्षेत्र के कई देशों में अपने सैनिक और नौसेना बेस बनाए हैं, जो कतर, बहरीन, इराक, कुवैत, यूएई और सऊदी अरब आदि में है। इनका इस्तेमाल अमेरिका खुफिया जानकारी, रसद और सैन्य ऑपरेशन चलाने के लिए करता है।
जानिए अमेरिका के प्रमुख सैन्य अड्डे...

अल उदीद एयर बेस (कतर)-

मध्य-पूर्व में सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा, जिसकी स्थापना 1996 में हुई थी। 24 हेक्टेयर (60 एकड़) के क्षेत्र में फैले इस बेस में लगभग 100 विमान और ड्रोन मौजूद हैं। यहां लगभग 10,000 सैनिक तैनात हैं। इराक, सीरिया और अफगानिस्तान में यहीं से ऑपरेशन चलाए गए थे।

नौसेना सपोर्ट एक्टिविटी (बहरीन)-

यह नौसैनिक अड्डा पूर्व ब्रिटिश नौसेना प्रतिष्ठान, एचएमएस जुफेयर की साइट पर मौजूद है। बेस पर सैन्य और नागरिक कर्मचारियों सहित करीब 9,000 कर्मचारी रहते हैं। यह बेस क्षेत्र में जहाजों, विमानों, टुकड़ियों और दूरस्थ स्थलों को सुरक्षा प्रदान करता है।

यह भी पढ़ें- अमेरिका ने ईरान पर दागे Bunker Buster Bomb, जमीन के 300 फुट नीचे तक करता है धमाका, जानें इसकी खासियत

कैंप आरिफजान (कुवैत)-

कुवैत में दो वायुसैनिक अड्डे तथा कई अन्य चौकियां भी हैं। कैंप आरिफजान दक्षिण-पूर्व में प्रमुख अमेरिकी सेना बेस है। 1999 में बना यह बेस मध्य-पूर्व में अमेरिकी सैन्य अभियानों के लिए रसद, आपूर्ति और कमांड हब के रूप में कार्य करता है। विशेष रूप से यूएस सेंटकॉम जिम्मेदारी के क्षेत्र में।

अल दहफरा एयर बेस (यूएई)-

अल दहफरा एयर बेस अमेरिका के 380वें एयर एक्सपेडिशनरी विंग का घर है, जिसके पास 10 विमान स्क्वाड्रन हैं और एमक्यू-9 रीपर ड्रोन भी हैं। टोही, खुफिया जानकारी जुटाने और लड़ाकू हवाई अभियानों के लिए रणनीतिक सैन्य अड्डा। बेस पर एफ-22 रैप्टर स्टील्थ फाइटर्स, ड्रोन और अवाक्स जैसे उन्नत विमान हैं।

यह भी पढ़ें- 16 घंटे नहीं, सिर्फ 2 घंटे में अमेरिका! भारत की हाइपरसोनिक मिसाइल बनाएगी इतिहास

एरबिल एयर बेस (इराक)-

इराक में अमेरिका के कई सैन्य अड्डे हैं, जिनमें एरबिल एयर बेस, अल-हरीर और अल असद हवाई अड्डा प्रमुख है। अमेरिकी सेना द्वारा हवाई अभियानों के लिए उपयोग किया जाता है। अक्टूबर 2023 में गाजा पर इजरायल के आक्रमण के बाद ईरान समर्थक उग्रवादी समूहों ने इन ठिकानों को बार-बार निशाना बनाया था।

(इसके अलावा सऊदी अरब, मिस्र और जॉर्डन में भी अमरीकी बेस और चौकियां हैं। )