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मंगोलिया के राष्ट्रपति उखना आएंगे भारत, पीएम मोदी से होगी द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा

Mongolia President's India Visit: मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना 4 दिवसीय भारत दौरे पर आने वाले हैं। उनका यह दौरा 13-16 अक्टूबर तक होगा।

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भारत

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Tanay Mishra

Oct 11, 2025

Khurelsukh Ukhnaa

Khurelsukh Ukhnaa (File Photo)

मंगोलिया (Mongolia) के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना (Khurelsukh Ukhnaa), भारत (India) के राजकीय दौरे पर आने वाले हैं। उनका यह 4 दिवसीय दौरा 13-16 अक्टूबर तक होगा। मंगोलिया के राष्ट्रपति, भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) के निमंत्रण पर भारत आ रहे हैं। उनके साथ कैबिनेट मंत्रियों, सांसदों, वरिष्ठ अधिकारियों, व्यापारिक नेताओं और सांस्कृतिक प्रतिनिधियों का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आएगा।

राष्ट्राध्यक्ष के रूप में पहला भारत दौरा

मंगोलिया के राष्ट्राध्यक्ष के रूप में राष्ट्रपति उखना का यह पहला भारत दौरा होगा। इस दौरान उनकी भारतीय राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात होगी और उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन किया जाएगा।

पीएम मोदी से भी होगी मुलाकात

भारत दौरे के दौरान उखना की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से भी मुलाकात होगी। इस दौरान दोनों के बीच भारत और मंगोलिया के द्विपक्षीय संबंधों के विषय में चर्चा होगी। पीएम मोदी के अलावा उखना की भारतीय उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन (C.P. Radhakrishnan), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) से भी मुलाकात संभव है।

1955 से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध

भारत और मंगोलिया के बीच राजनयिक संबंध 1955 में स्थापित हुए थे। पिछले 70 साल में दोनों देशों ने साझा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित एक मज़बूत और बहुआयामी पार्टनरशिप विकसित की है। यह पार्टनरशिप रक्षा और सुरक्षा, संसदीय आदान-प्रदान, विकास साझेदारी, ऊर्जा, खनन, सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सांस्कृतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में फैली हुई है।

दोनों देशों की पार्टनरशिप होगी मज़बूत

भारत और मंगोलिया रणनीतिक पार्टनर्स होने के साथ ही आध्यात्मिक पड़ोसी भी हैं। ऐसे में राष्ट्रपति उखना के आगामी भारत दौरे से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करने, रणनीतिक पार्टनरशिप को मज़बूत करने के लिए दृष्टिकोण निर्धारित करने और पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलेगा।