अमरीका के सुपरमार्केट में बन्दूक धारी ने लोगों को बंधक बनाया श्वेत लोगों पर अत्याचार बीते दिनों की बात लेकिन 75 वर्षीय मांगागवा ने हरारे में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि श्वेत लोगों की जमीन लेने की विवादस्पद नीति अतीत की बात थी। उन्होंने कहा, “हमें इस बात के बारे में बात करना बंद कर देना चाहिए कि रंग के मामले में खेत का मालिक कौन है।” उन्होंने कहा, “इसके बारे में बात करना आपराधिक कृत्य है कि कोई काला किसान है सफेद। किसान किसी भी रंग का हो, वह जिम्बाब्वे का किसान है।”
श्वेत मतदाताओं को रिझाने की कोशिश श्वेत मतदाताओं की चिंताओं को कम करने के लिए इमरसन मंगागवा का बयान 30 जुलाई को होने वाले ऐतिहासिक चुनावों से पहले आया है। नवंबर में मुगाबे के सत्ता से हटने के बाद यह पहला राष्ट्रपति चुनाव होगा। यह चुनाव मुगाबे के 37 सालों के कार्यकाल पर अंतिम रूप से मुहर लगाएगा। बता दें कि जिम्बाब्वे के श्वेत मतदाताओं ने परंपरागत रूप से विपक्षी दलों के लिए वोट किया है। मंगागवा की जैनू-पीएफ पार्टी के विरोध में इन लोगों ने मूवमेंट फॉर डेमोक्रेटिक चेंज (एमडीसी) को ज्यादा समर्थन दिया है।
मलयालम लेखक को सोशल मीडिया पर मिली धमकी, अपना उपन्यास वापस लिया युवा वोटरों की संख्या अधिक इस महीने के चुनावों के लिए 120 से अधिक राजनीतिक दल पंजीकृत हैं। राष्ट्रपति पद के लिए २३ उम्मीदवार मैदान में हैं। हालांकि मंगागवा चुनाव जीतने के लिए लोगों के पसंदीदा हैं, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि चौकाने वाले परिणाम भी आ सकते हैं। मुख्य विपक्षी नेता नेल्सन चमिसा जो पेशे से वकील हैं,फरवरी में एमडीसी के शीर्ष पर पहुंचे। हाल के दिनों में उनकी लोकप्रियता बढ़ी है। वह बेहद लोकप्रिय है, खासकर युवा और बेरोजगारों में। अगर वह निर्वाचित हुए तो देश के सबसे काम उम्र के राष्ट्रपति बन जाएंगे।