उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जो कि अपनी पात्रता सूची में जानना चाहता है, वह अपने राशन कार्ड और आधार कार्ड के द्वारा आयुष्मान मित्र के पास जाकर, टोल फ्री नंबर 14555 अथवा 1800-1800-4444 पर कॉल करके, मोबाइल पर एंड्राइड एप्लीकेशन पीएमजेएवाई पर योजना की आधिकारिक वेबसाइट www.pmjay.gov.in पर लॉग इन कर प्रधानमंत्री के पत्र, ग्रामीण क्षेत्रों के संबंधित प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध कराई गई लाभार्थी परिवार सूची एवं प्लास्टिक कार्ड द्वारा पात्रता की जांच कर सकते हैं।
डॉ. आशीष बताते है कि Ayushman Bharat Yojana के तहत हार्ट वाल्व रिपलेशमेन्ट, एन्जियोप्लास्टी, बाईपास सर्जरी, हिप रिपलेशमेन्ट, पेजमेकर इम्प्लान्ट, ब्रेन टयूमर, कार्निया रेपलेसमेन्ट, नाक, कान और गले से संबंधित बीमारी का इलाज होता है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत इलाज के लिए 1450 बीमारियों को शामिल किया गया है।
एटा के जलेसर ब्लॉक के तकिया गांव के रहने वाले महेन्द्रपाल के 26 वर्षीय बेटे अजीत के कान में काफी समय से असहनीय दर्द हो रहा था। महेन्द्र ने अपने बेटे का हाथरस और फिरोजाबाद के कई अस्पतालों में इलाज कराया पर कोई फायदा नहीं हुआ। इलाज पर काफी पैसा लग चुका था। ऐसे में जब उनको आयुष्मान योजना के बारें में पता चला तो उन्होंने इस योजना से सम्बन्ध आगरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी जांच करने के बाद बीती 25 जुलाई को आपरेशन किया गया। अब अजीत के कान में दर्द भी कम हो गया है। पिता भी खुश है। जल्द ही उसको अस्पताल से छुट्टी मिल जायेगी।
मथुरा से सटे अहमदपुर गांव के रहने वाले 49 वर्षीय वीरेन्द्र का Ayushman Bharat Yojana के तहत हाल ही में आगरा के एक निजी अस्पताल में बाईपास सर्जरी की गयी है। अब वीरेन्द्र पूरी तरह से स्वस्थ्य है। उनके आपरेशन में किसी प्रकार का पैसा नहीं खर्च हुआ है। उनके रिश्तेदार ने बताया कि जब इनको सीने में दर्द की शिकायत हुई थी तो उनके परिवार वालों ने अलीगढ़ में कई डाक्टरों को दिखाया पर सभी ने मना कर दिया। परिवार के लोग उन्हे सीधे आगरा ले आये और यहां के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां वीरेन्द्र की बाईपास सर्जरी की गयी। वीरेन्द्र के परिवार वाले योजना के तहत निःशुल्क इलाज पाकर काफी खुश हैं।
आगरा के एक निजी अस्पताल में अपनी 55 वर्षीय मां के गाल ब्लेडर का आपरेशन कराने वाले उनके पुत्र विशाल राकेश बताते हैं कि किसी सरकारी योजना के तहत एक प्राइवेट हास्पिटल में एक मरीज को कितने अच्छे ढंग से उपचार मिल रहा है, यह काबिले तारीफ है। उन्होंने बताया कि उनकी मां को कई सालों से पेट में दर्
द की शिकायत रहती थी। कई डाक्टरों को दिखाया पर कुछ फायदा नहीं मिला। पर अब आपरेशन के बाद उनकी मां पूरी तरह से स्वस्थ है। उन्होंने कहा कि पहले उनको नहीं पता था कि योजना में एक भी पैसा नहीं लगता है।