विद्यार्थियों की परेशानी होगी कम
कार्यवाहक कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी के अनुसार विद्यार्थियों को सुबह जल्दी और शाम को देर तक परीक्षा छूटने घर लौटने में परेशानी होती है। दो पारियों में परीक्षा होने से विद्यार्थियों की परेशानी कम होगी। केंद्रों पर संसाधनों का भी अच्छा इस्तेमाल होगा। पूर्व में बांसवाड़ा के गोविंद गुरू जनजातीय विवि में भी दो पारियों में परीक्षा की शुरूआत करा चुके हैं। यह प्रयोग सफल रहा है।RGHS योजना की गाइडलाइन में बड़ा बदलाव, नया सिस्टम लागू
फैक्ट फाइल
400 से ज्यादा कॉलेज सम्बद्ध।3.70 लाख से ज्यादा विद्यार्थी पंजीकृत।
450 से ज्यादा विषयवार होते हैं पेपर।
500 से ज्यादा शिक्षकों की लगती है ड्यूटी।
12 महीने चलती हैं सेमेस्टर-वार्षिक परीक्षा।