Ice cream Vs Shrikhand: गर्मियों में ठंडी मिठाइयों की बात हो और आइसक्रीम या श्रीखंड का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। ये दोनों ही स्वादिष्ट और लोकप्रिय डिजर्ट हैं। लेकिन जब बात स्वास्थ्य की होती है, तो जरूरी है कि हम इन दोनों विकल्पों के बीच के अंतर को समझें।
Ice cream Vs Shrikhand: गर्मियों के मौसम में, जब तापमान बढ़ जाता है और शरीर को ठंडक की आवश्यकता होती है, तो आइसक्रीम और श्रीखंड जैसे ठंडे और मीठे विकल्पों की मांग काफी बढ़ जाती है। ये न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि मूड को भी बेहतर बना सकते हैं। हालांकि, इनके पोषण मूल्य और स्वास्थ्य पर प्रभाव अलग-अलग होते हैं।
श्रीखंड एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है, जिसे छाने हुए दही (हंग कर्ड) से बनाया जाता है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम और प्रोबायोटिक्स की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होते हैं। श्रीखंड का सेवन संतुलित मात्रा में किया जाए, तो यह वजन नियंत्रित रखने और स्वास्थ्य बेहतर करने में मदद कर सकता है।
| पोषक तत्व (प्रति 100 ग्राम) | आइसक्रीम | श्रीखंड |
|---|---|---|
| कैलोरी | 140 | 234 |
| प्रोटीन | 2.4 ग्राम | 6.2 ग्राम |
| वसा (फैट) | 7 ग्राम | 5.3 ग्राम |
| कार्बोहाइड्रेट (कार्ब्स) | 13 ग्राम | 42 ग्राम |
| अतिरिक्त शक्कर | 10 ग्राम | 35 ग्राम |
| कैल्शियम | 110 मि.ग्रा | 150 मि.ग्रा |
चीनी की मात्रा: आइसक्रीम में उच्च मात्रा में चीनी होती है, जबकि श्रीखंड में चीनी की मात्रा कम होती है।
वसा की मात्रा: आइसक्रीम में उच्च मात्रा में वसा होती है, जबकि श्रीखंड में वसा की मात्रा कम होती है।
पोषक तत्व: श्रीखंड में प्रोटीन, कैल्शियम और प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
आइसक्रीम और श्रीखंड दोनों ही स्वादिष्ट और गर्मियों के लिए उपयुक्त विकल्प हैं। लेकिन अगर बात सेहत की करें, तो श्रीखंड बेहतर विकल्प माना जा सकता है । खासकर तब जब इसे सीमित चीनी के साथ खाया जाए। इसमें मौजूद प्रोटीन, कैल्शियम और प्रोबायोटिक्स शरीर के लिए लाभदायक होते हैं।वहीं, आइसक्रीम का सेवन कभी-कभार किया जा सकता है, लेकिन इसे आदत बना लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।