लखनऊ

BSP Bihar Tour: बिहार में बीएसपी का बड़ा दांव: आकाश आनंद 26 जून से दौरे पर, युवाओं और संगठन को जोड़ने की तैयारी

BSP Bihar Dalit Politics: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद 26 जून से बिहार दौरे की शुरुआत करने जा रहे हैं। यह दौरा पार्टी संगठन को मजबूती देने, युवाओं से जुड़ने और आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से बेहद अहम माना जा रहा है।

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Jun 22, 2025
चुनावी जमीन तैयार करने की कोशिश फोटो सोर्स : Social media

BSP National Coordinator Akash Anand Bihar Tour: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद आगामी 26 जून से बिहार के दौरे पर निकलने वाले हैं। यह दौरा उनके लिए खास मायने रखता है क्योंकि मई 2025 में बीएसपी का राष्ट्रीय समन्वयक बनने के बाद यह उनका पहला राज्यस्तरीय राजनीतिक दौरा होगा। बीएसपी प्रमुख मायावती ने हाल ही में पूर्वांचल और बिहार राज्यों के पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति स्पष्ट की थी। उन्होंने साफ किया कि बीएसपी इस बार बिना किसी गठबंधन के अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी और सभी 243 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करेगी।

बीएसपी के पिछले प्रदर्शन की बात करें तो 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी को केवल एक सीट पर जीत मिली थी, लेकिन पार्टी का एकमात्र विधायक बाद में जेडीयू में शामिल हो गया। इस बार पार्टी संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की तैयारी कर रही है।

युवाओं को साधने की रणनीति

आकाश आनंद को बीएसपी में युवा चेहरे के रूप में देखा जा रहा है। उनका यह दौरा युवाओं से संवाद स्थापित करने, सामाजिक संगठनों से मुलाकात करने और बूथ स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने के मकसद से हो रहा है। बीएसपी जानती है कि बिहार की राजनीति में युवा मतदाता की भूमिका निर्णायक हो सकती है, खासतौर पर तब जब एनडीए और इंडिया गठबंधन जैसे दो बड़े ध्रुव आमने-सामने हैं।

संभावित यात्रा कार्यक्रम

हालांकि पार्टी ने अभी आकाश आनंद के पूरे दौरे का आधिकारिक कार्यक्रम जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार वह पटना, गया, भागलपुर, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर और सासाराम जैसे महत्वपूर्ण जिलों का दौरा कर सकते हैं। हर जिले में वह मंडलीय बैठकें करेंगे और स्थानीय नेताओं से चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे। साथ ही, वह दलित और पिछड़े वर्ग के समुदायों से संवाद कर सकते हैं।

कैडर आधारित टिकट वितरण की तैयारी

बीएसपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने इस बार टिकट वितरण में पूरी पारदर्शिता बरतने का निर्णय लिया है। वफादार, जमीनी कार्यकर्ताओं और कैडर से जुड़े लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। आकाश आनंद की यात्रा इसी प्रक्रिया का हिस्सा है ताकि पार्टी यह सुनिश्चित कर सके कि कार्यकर्ताओं की भावना के अनुरूप उम्मीदवारों का चयन हो।

सोशल मीडिया के सहारे नया अभियान

आकाश आनंद टेक-सेवी नेता माने जाते हैं और उन्होंने पार्टी की सोशल मीडिया उपस्थिति को मजबूत करने की दिशा में प्रयास किए हैं। बिहार दौरे के दौरान भी वे युवाओं को डिजिटल माध्यम से जोड़ने की योजना बना रहे हैं। इसके तहत इंस्टाग्राम, ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर विशेष प्रचार सामग्री और वीडियोज़ के ज़रिए युवा मतदाताओं को प्रेरित किया जाएगा।

दलित-पिछड़ा समीकरण पर फोकस

बीएसपी पारंपरिक तौर पर दलित वोट बैंक पर भरोसा करती है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसका क्षरण हुआ है। आकाश आनंद का फोकस दलित-पिछड़ा वर्ग के बीच खोए हुए भरोसे को फिर से कायम करना है। इसके लिए वह जमीनी स्तर पर जाकर लोगों से मिलेंगे, उनकी समस्याओं को सुनेंगे और पार्टी के सामाजिक न्याय आधारित एजेंडे को दोहराएंगे।

स्थानीय नेतृत्व में जोश भरने की कवायद

बिहार में बीएसपी का संगठन अभी भी उतना मजबूत नहीं है जितना उत्तर प्रदेश में है। इसलिए आकाश आनंद का मकसद होगा कि वे स्थानीय नेताओं में जोश भरें, उन्हें सक्रिय करें और बूथ स्तर की तैयारियों को मजबूती दें। इसके लिए वह कार्यकर्ता सम्मेलन, पदाधिकारियों की क्लास और संगठनात्मक प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर सकते हैं।

सियासी संकेत 

बीएसपी का यह कदम बिहार की सियासत में बड़े बदलाव का संकेत देता है। जब सारे विपक्षी दल INDIA गठबंधन के बैनर तले एकजुट हो रहे हैं और एनडीए अपनी ताकत बटोर रहा है, तब बीएसपी का अकेले चलने का फैसला एक अलग राह दिखाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बीएसपी की यह रणनीति कितना असर डालती है।

राजनीतिक प्रवक्ता मनोज शर्मा  कहते हैं कि आकाश आनंद का बिहार दौरा बहुजन समाज पार्टी के लिए नई ऊर्जा और नए सियासी संदेश लेकर आ रहा है। यह दौरा केवल एक प्रचार यात्रा नहीं है, बल्कि यह जमीनी सच्चाइयों को समझने, संगठन को मजबूत करने और आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति को धार देने का प्रयास है। यदि यह दौरा सफल रहता है और बीएसपी अपने कैडर को एकजुट करने में सफल होती है, तो बिहार की चुनावी गणित में पार्टी एक नई भूमिका निभा सकती है।

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