ऐसे में अब एक बार फिर से पाकिस्तान को उसके सदाबहार दोस्त चीन का साथ मिला है। चीन ने अपने दोस्त को इस मुसीबत से बाहर निकालने के लिए एक बड़ा फैसला किया है।
जंगल को पाकिस्तानी हिंदुओं ने बना लिया नया आशियाना, बिना सुविधाओं के भी जिंदगी है खुशनुमा
दरअसल, पाकिस्तान में इन दिनों टिड्डियों ( Locust ) का आतंक है। आलम ये है कि पूरा पाकिस्तान इससे परेशान हो गया है और इमरान सरकार को भी कुछ नहीं सूझ रहा है कि ऐसे में क्या करें। हालांकि अब इस समस्या से पाकिस्तान को बाहर निकालने के लिए चीन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए एक लाख बत्तखों की फौज इस्लामाबाद भेजने का निर्णय लिया है।
पाकिस्तान भेजा जा रहा है टिड्डे खाने वाली बत्तख
स्थानीय अखबार निंगो इवनिंग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीन के पूर्वी प्रांत झेजिआंग से टिड्डी खाने वाली बत्तखें पाकिस्तान भेजी जा रही हैं। ये बत्तखें एक दिन में करीब 200 टिड्डियों को खा सकती है। इस तरह से एक लाख बत्तखें हर दिन 2 करोड़ टिड्डियों का सफाया कर सकती है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दो दशक पहले चीन में भी इस तरह की समस्या आई थी, जिससे निपटने के लिए यही कदम उठाया था। अखबार ने बताया है कि दो दशक पहले चीन के उत्तर-पश्चिमी इलाके में भी टिड्डियों ने हमला कर दिया था। इस समय चीन ने बत्तखों की मदद से इस मुसीबत से पार पाया था।
कृषि तकनीक शोधकर्ता लू लीझी का कहना है कि बत्तखों का प्रयोग जहरीले कीटनाशकों की तुलना में बहुत सस्ता पड़ता है और इससे खेती को भी नुकसान नहीं होता। साथ ही इनका इस्तेमाल पूरी तरह प्राकृतिक है। बत्तखें मुर्गियों के मुकाबले तीन गुना ज्यादा टिड्डियां खा सकती हैं।
पाकिस्तान में राष्ट्रीय आपतकाल घोषित
पाकिस्तान में टिड्डियों के आतंक को देखते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले दिनों राष्ट्रीय आपात काल की घोषणा की थी। टिड्डियों ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सबसे अधिक आतंक मचाया है। इस प्रांत में टिड्डियों ने पूरी फसलों को तबाह कर दिया।
भूखी मछलियों को बत्तख ने अपनी चोंच से खिलाया दाना, दोनों की दोस्ती पर दिल हारे लोग
इसके बाद इससे निपटने के लिए पीएम इमरान खान ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की। माना जा रहा है कि टिड्डियों का प्रजनन केंद्र पाकिस्तान का बलूचिस्तान और यमन है। सर्दी के मौस में यहां पर टिड्डी का प्रजनन होता है।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.