मुस्लिमों को एक मंच पर आने की अपील
आतंकी मसूद अजहर ने रोहिंग्या मुद्दे पर दुनिया के सभी मुसलमानों को एक मंच पर आने का आह्वन किया है। उसने कहा कि मुस्लिम समाज को रोहिंग्या प्रकरण गंभीरता से लेना चाहिए। इसके साथ ही अजहर ने ओसामा बिन लादेन को शेर बताया। उसने कहा कि ओसामा मुस्लिम समाज के लोगों की मदद के लिए आगे आया, वहीं म्यांमार के बौद्ध नेता विराथू की आलोचना की है।
भारत सरकार ने हलफनामें में बताया था खतरा
रोहिंग्या मुद्दे पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 15 पन्नों को हलफनामा दायर कर कहा कि बहुत से रोहिंग्याओं को आईएसआई और आईएस के समर्थन में देखा गया है, जो भारत में अपने उद्देश्यों को पूरा होते देखना चाहते हैं। यहां तक कि कई जगह संवेदनशील इलाकों में साम्प्रदायिक उन्माद को भड़काने में भी इन लोगों की भूमिका रही है।’ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आगे कहा कि संविधान में देश के किसी भी नागरिक को कहीं भी आने-जाने और बसने का अधिकार दिया गया है। लेकिन यह अधिकार गैर कानूनी ढंग से देश में रह रहे लोगों के लिए नहीं है।
2012-13 से रोहिंग्याओं के आने का सिलसिला जारी
वहीं गृह मंत्रालय ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे रोहिंग्या को देश के लिए खतरा बताया है। हलफनामे में कहा गया कि भारत में गैर कानून ढंग से रोहिंग्याओं का आना साल 2012-13 में शुरू हो गया था। तब से सांप्रदायिक दंगे और हिंसा भड़काने में इन लोगों की अहम भूमिका रही है। इसके बाद देश की सुरक्षा और खुफिया एजेंसी और कई अधिकारिक जगहों से ऐसी जानकारी मिली है कि गैर कानूनी ढंग से भारत में रह रहे कुछ रोहिंग्याओं का पाकिस्तान के आतंकी समूहों या उस जैसे समूहों से संबंध है। ऐसे में ये समुदाय देश के लिए खतरा है। हलफनामे में कहा गया कि म्यांमार से आने वाले रोहिंग्या एजेंट और दूसरे जरियों से पश्चिम बंगाल के हरिदासपुर, हिली और त्रिपुरा के सोनामोरा के रास्ते पूरे भारत में फैल रहे हैं। यह स्थिति देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।