5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Indian Astrology: कब तक थमेगी कोरोना की रफ्तार? अभी और तबाही बाकि या खत्म होगा डर

दुनिया में अचानक तनाव बढ़ने की संभावना...

4 min read
Google source verification
Latest prediction on corona

end of coronavirus date

देश में घट रही कोरोना संक्रमण की दर एक ओर जहां देश को अनलॉक की ओर ले जाती दिख रही है। वहीं ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इस जुलाई के बाद ये संक्रमण और तेजी से घटता दिख रहा है।

ज्योतिष के जानकारों के अनुसार भले ही कोरोना इस साल देश दुनिया से मिटता नहीं दिख रहा है, लेकिन इसका असर अत्यंत सीमित होने की इसी साल संभावना है। ऐसे में जुलाई से जहां कोरोना का असर तेजी से घटने की संभावना है। वहीं Corona pandemic की मृत्यु दर सहित संक्रमण में भी कमी देखने को मिलेगी।

जिसके कारण जीवन सामान्य होने की संभावना के बीच मंगल के प्रभाव के चलते देश दुनिया में अचानक तनाव बढ़ने की संभावना है। वहीं 30 जून के बाद राहु वृषभ में और Ketu वृश्चिक राशि में होने के कारण असाध्य बीमारियों का इलाज मिलने की संभावना बढ़ेंगी। वहीं राहु और केतु इस समय किसी बड़े आविष्कार को जन्म देते दिख रहे हैं।

Must read- राहु और केतु से परेशान हैं, तो करें ये उपाय

ज्योतिष जानकारों के अनुसार कोरोना वायरस के पीछे बहुत विशेष ज्योतिषीय कारण और वर्तमान ग्रह स्थितियां हैं। भारत में ज्योषित के जानकार भी Coronavirus पर लगातार नजर बनाए हुए हैं, वहीं ज्योतिष में इस संकट को विषाणुजनित महामारी का संकट माना जा रहा है।

इस संबंध में ज्योतिष के जानकार एके शुक्ला के मुताबिक चीन के वुहान शहर से 26 दिसंबर 2019 यानी अमावस्या, मूला, मकर लग्न में (प्रातः 09.49 बजे) corona सुर्खियों में आया। इस समय छह ग्रह यानि सूर्य, चंद्रमा, बुध, गुरु, शनि और केतु धनु राशि में मौजूद थे।

इस समय मंगल वृश्चिक में, शुक्र मकर राशि में और Rahu मिथुन राशि में था। ऐसे में शुक्र को छोड़कर बाकि सभी आठ ग्रह इस महामारी को जन्म देने में सीधे तौर पर शामिल थे। दरअसल शुक्र के पास अमृत संजीवनी होने के कारण शुक्र ने इस समय कई लोगों को बचा लिया।

MUST READ:Astrology- चीन पर आ रहा है शनि का साया, जानें किस ओर है ग्रहों का इशारा

फिर से बढ़ने का खतरा!
ज्योतिष के जानकार पंडित सुनील शर्मा का इस संबंध में कहना है कि जीवन और मृत्यु भगवान के हाथ में है और कोई भी महामारी यदि आरंभ हुई है तो उसका अंत भी समय पर होना निश्चित है। ऐसे में इस नवसंवत्सर के राजा व मंत्री Mars जिनके कारक देव श्री हनुमान हैं, उनकी पूजा और प्रभाव ही कोरोना वायरस के अटैक से राहत प्रदान करेगा।

MUST READ : 2021 में हनुमान भक्तों को होगा खास फायदा, जानिये नए साल का हनुमान जी से संबंध

वर्तमान में 2 जून 2021 को मंगल ने अपनी नीच राशि कर्क में प्रवेश कर चंद्र द्वारा संक्रमण फैलाने की गति को कम करने का काम किया है। अब यह 20 जुलाई को सूर्य की राशि सिंह में प्रवेश कर अचानक कोरोना संक्रमण को अत्यंत तेजी के साथ कम कर सकते हैं।

जबकि 6 सितंबर को मंगल कन्या में प्रवेश कर जाएंगे, ऐसे में एक बार फिर संक्रमण बढ़ने का खतरा पैदा हो सकता है। लेकिन 22 अक्टूबर को तुला में प्रवेश के बाद नवंबर के आसपास से मंगल कोरोना को तकरीबन पूरी तरह से साफ करने की स्थिति में आते दिख रहे हैं।

कब तक रहेगा ये कोरोना! : लगातार घटता जाएगा असर...
ज्योतिष के जानकार पंडित एसके पांडे के अनुसार अभी करीब 10 वर्षों तक ये ( Corona ) अपने नए नए रूप दिखता रह सकता है। ऐसे में हमें 2029-30 तक लगातार संभल कर रहना होगा। लेकिन इस दौरान इसके काफी हल्की मात्रा में ही अपना असर दिखाने की संभावना है।

मुमकिन है ये इस समय सादे जुखाम की तरह हो जाए, जिसका ज्यादा असर ही न हो। क्योंकि ग्रहों Planets की दशा व दिशा ये संकेत करती हुई भी नजर आ रही हैं कि नवंबर 2021 से मई 2022 के बीच कोरोना का टीका (जो कोरोना से आपको पूर्ण रूप से सुरक्षित रखे) भी सामने आ सकता है। लेकिन इसके बावजूद कोरोना के बदलते स्वरूप के चलते इस समय भी सुरक्षा के साथ संभलकर रहना आवश्यक रहेगा।

इस योग ने मचाई तबाही
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार जब-जब गुरु-केतु का योग बनता है, तब-तब बड़े infectious disease और महामारियां सामने आती हैं। ऐसे में मार्च 2019 से ही केतु धनु राशि में चल रहा था, लेकिन 4 नवम्बर 2019 को गुरु का प्रवेश भी धनु राशि में हो गया था, जिससे गुरु और केतु का योग बन गया।

ऐसे में संक्रामक रोग कोरोना virus का पहला केस भी चीन में नवम्बर 2019 के महीने में ही सामने आया, माना जाता है कि नवम्बर में गुरु-केतु का योग बनने के बाद ही कोरोना वायरस एक्टिव हुआ।

वहीं जानकारों के अनुसार पूर्व में भी सन् 1918 में स्पैनिश फ्लू (Spanish Flu) नाम से एक महामारी फैली थी, स्पेन से शुरु हुई इस महामारी से दुनिया में करोड़ों लोग संक्रमित हुए थे। उस समय इसका कारण भी गुरु-केतु का Yog माना गया था। वहीं सन 2005 में H-5 N-1 नाम से एक बर्ड फ्लू (Bird Flu) फैला और इस समय में भी गोचर में गुरु-केतु का योग बना था ।

Must Read-ये ग्रह बनते हैं आपकी तरक्की में बाधक, देते हैं पैसे से जुड़ी समस्या

इसके अलावा 1991 में माइकल एंगल नाम का बड़ा कम्प्यूटर वायरस ऑस्ट्रेलिया में सामने आया, जिसने इंटरनेट और कम्यूटर फील्ड में वैश्विक स्तर पर बड़े नुकसान किए, उस समय भी गोचर में गुरु-केतु का योग बना हुआ था।

ऐसे में इस बार नवंबर 2019 में गुरु-केतु के योग के बाद 26 दिसंबर को लगे Surya Grahan ने कोरोना वायरस को एक महामारी के रूप में बदल दिया। दरअसल 26 दिसंबर को हुआ सूर्य ग्रहण समान्य नहीं था, क्योंकि इस सूर्य ग्रहण के दिन छः ग्रहों के (सूर्य, चन्द्रमा, शनि, बुध, गुरु, केतु) एकसाथ होने से षटग्रही योग बना, जिससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव बहुत तीव्र हो गया। और इसने एक बड़ी महामारी का रूप धारण कर लिया ।