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Cough Syrup Banned: स्वास्थ्य विभाग का बड़ा फैसला, दो साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं मिलेगा कफ सिरप

Cough Syrup Banned in CG: बालोद जिले में कफ सिरप पीने से मध्यप्रदेश में लगभग 22 बच्चों की मौत के बाद जिले में भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है।

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Cough Syrup Banned: स्वास्थ्य विभाग का बड़ा फैसला, दो साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं मिलेगा कफ सिरप(Photo-patrika)

Cough Syrup Banned: स्वास्थ्य विभाग का बड़ा फैसला, दो साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं मिलेगा कफ सिरप(Photo-patrika)

Cough Syrup Banned: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में कफ सिरप पीने से मध्यप्रदेश में लगभग 22 बच्चों की मौत के बाद जिले में भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। राज्य सरकार के निर्देश पर डॉक्टरों व मेडिकल संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि दो साल तक के बच्चों को कफ सिरप न दें। पांच साल के बच्चों को कफ सिरप डॉक्टरों की पर्ची पर दें। जिले में कई दवाई दुकान संचालक बिना डॉक्टर की पर्ची के दवाएं दे रहे हैं, जो बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है।

Cough Syrup Banned: केंद्र सरकार ने जारी किए निर्देश

जिस कफ सिरप से मध्यप्रदेश में बच्चों की मौत हुई है उसकी सप्लाई छत्तीसगढ़ में नहीं होती है। लेकिन केंद्र्र सरकार ने अलर्ट रहते हुए निर्देश जारी किए हैं। शासन के दिशा निर्देश पर जिले में भी अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट है कि 2 साल के बच्चों को कफ सिरप देना नहीं है। 5 साल के तक के बच्चों को डॉक्टर पर्ची व डॉक्टरों के निगरानी में ही देना है।

बच्चों की मौत के बाद खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने बच्चों में खांसी और जुकाम की दवाओं के सही और सुरक्षित उपयोग के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस संबंध में मेडिकल संघ की बैठक भी ली जा चुकी है। दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और जुकाम की दवाएं नहीं दी जानी चाहिए। पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों में भी इन दवाओं का उपयोग केवल चिकित्सक की सावधानीपूर्वक जांच, उचित खुराक, न्यूनतम अवधि और सुरक्षित दवा संयोजन का पालन करते हुए दिया जाना चाहिए।

झोला छाप डॉक्टरों से रहें सावधान

सीएमएचओ डॉ . जेएल उइकी के अनुसार बिना डॉक्टरी पर्ची के कोई भी कफ सिरप नहीं दी जानी है। इसके लिए दवा दुकान संचालकों को भी निर्देश दिए गए हैं। कहीं भी लापरवाही की जानकारी मिली तो कार्रवाई की जाएगी। शासन की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है।

जिले में झोला छाप डॉक्टरों की भी बाढ़ आ गई है। ऐसे में मरीजों के परिजन जानकार डॉक्टरों से ही इलाज करवाएं। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज कराएं। बीते माह ही जिले में एक झोला छाप डॉक्टर की वजह व गलत इलाज के कारण एक युवक की मौत हो गई थी। पुलिस ने उस डॉक्टर को गिरफ्तार भी किया है।