
Banswara News : राजस्थान के पशुपालकों को मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना रास नहीं आ रही है। इस कारण ही अभी तक प्रदेश में कुल 16.68 फीसद पशुओं का ही पंजीयन पशुपालकों ने कराया। जबकि, 22 जनवरी 2025 को इस योजना के तहत पंजीयन प्रक्रिया को समाप्त कर दिया जाएगा। योजना के तहत पशुपालकों के रुझान पर नजर डालें तो सबसे अधिक बांसवाड़ा के पशुपालकों को योजना रास आ रही है। इस कारण बांसवाड़ा में 17 जनवरी तक सबसे अधिक पंजीयन हुआ है। बांसवाड़ा के अतिरिक्त सिर्फ तीन जिले केकडी, जयपुर ग्रामीण और ब्यावर हैं, जो पंजीयन में 40 फीसद पंजीयन का आंकड़ा पार कर सके हैं। विभाग की ओर से यह आंकड़े 17 जनवरी को जारी कर पंजीयन में तेजी लाने के लिए बोला गया है।
मवेशी - पंजीयन संख्या
गाय- 132738
भैंस- 162316
बकरी- 39361
भेड- 14482
ऊंट- 453
ऊंटनी- 1005
(17 जनवरी तक पंजीयन के आधार पर)
जिला - लक्ष्य - पंजीयन - प्रतिशत
बांसवाड़ा - 36585 : 17758 : 48.54 फीसद
केकड़ी - 24700 : 10933 : 44.26 फीसद
जयपुर (ग्रा.) - 50800: 21143 : 41.62 फीसद
ब्यावर - 16300:6603 : 40.51 फीसद
डूंगरपुर - 37700 : 13717 : 36.98 फीसद
योजना को सफल बनाने के लिए प्रदेश के समस्त जिलों में 21 लाख मवेशियों का बीमा के लिए पंजीयन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसकी तुलना में पूरे जिले में सिर्फ 3 लाख 50 हजार 355 मवेशियों के बीमा के लिए पंजीयन कराया जा सका है। इसमें भी सबसे अधिक 50 फीसदी पंजीयन भैंसों के लिए कराया गया है। जिनकी संख्या 1 लाख 62 हजार 616 है।
राजस्थान के जहाज के नाम से प्रचलित ऊंटों के मालिक भी इस योजना को खासा पसंद नहीं कर रहे हैं। इस कारण प्रदेश में सिर्फ 1458 ऊंटों का पंजीयन योजना के लिए हुआ है।
योजना के तहत राज्य के गाय, भैंस, भेड़, बकरी व ऊंट पालक पशुपालक परिवारों के पशुधन का रिस्क कवर होगा एवं पशुओं की आकस्मिक मृत्यु पर पशुपालक परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान होगा।
मंगला पशु बीमा योजना के तहत पशुपालक उनके पशुपालकों का पंजीयन 22 जनवरी तक करा सकते हैं। बांसवाड़ा में अधिक से अधिक पशुपालकों को लाभ दिलाने के प्रयास किए गए।
डॉ . विजय सिंह भाटी, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, बांसवाड़ा
Updated on:
19 Jan 2025 01:21 pm
Published on:
19 Jan 2025 01:19 pm
बड़ी खबरें
View Allबांसवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
