सेंधवा कृषि विभाग के एसडीओ केसी सिसौदिया ने बताया कि विभाग की ओर से किसानों को टिड्डियों का झुंड प्रभावित ना करे, इसके लिए क्लोरो पायरीफॉस, डेल्टा मेथरीन, मेलाथियान आदि कीटनाशकों का छिड़काव करने की सलाह दी जा रही है। वरिष्ठ कार्यालय से टिड्डियों के झुंड की रोकथाम के लिए निर्देश मिले हैं, हालांकि अभी तक टिड्डियों के झुंड की लोकेशन बड़वाह के आसपास बताई जा रही है। यदि टिड्डियों के झुंड जिले में प्रवेश किया तो सैकड़ों किसानों को नुकसान की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। विभाग अपने स्तर पर किसानों को जरूरी जानकारी देने का कार्य कर रहा है।
टिड्डियां जंगल और फसल कर देती हैं बर्बाद
कृषि अधिकारी सिसौदिया ने बताया कि पाकिस्तान से आने वाली टिड्डियों के झुंड कई समूहों में बंटे होते हैं। एक समूह में लाखों टिड्डियां होती हैं, जो दिन में उड़ती हंै और रात में खेतों और जंगलों में पेड़ों पर जाकर बैठ जाती हैं। यदि किसी खेत या जंगल पर टिड्डी हमला करती हंै, तो फसलों और पेड़ों की पत्तियों को खा जाती हैं, जिससे फसल और पेड़ बर्बाद हो जाते हैं। टिड्डी दल को खेतों और जंगलों से भगाने के लिए किसानों को तेज आवाज करने और पटाखे फोडऩे के साथ ही कीटनाशकों का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है। खास बात है कि टिड्डी दल हवा की दिशा में 10 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से सफर करता है।
खरगोन जिले से बड़वानी में प्रवेश कर सकता है टिड्डियों का झुंड
सिसौदिया ने बताया कि फिलहाल टिड्डियों के झुंड की लोकेशन बड़वाह, सनावद के आसपास मिल रही है। आशंका है कि लाखों की तादाद में ये टिड्डियां शुक्रवार को बड़वानी या आसपास के क्षेत्र में आक्रमण कर सकती हैं। हालांकि खरगोन जिले के प्रशासन ने टिड्डियों के झुंड को खत्म करने के लिए बलवाड़ा के आसपास 25 ट्रैक्टर और स्प्रे मशीन सहित फायर फायटर के माध्यम से कीटनाशक का छिड़काव करने की योजना बनाई है। यदि ये योजना सफल हो जाती है, तो बहुत हद तक टिड्डियों के हमले को रोका जा सकता है। कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि अधिकारियों ने सेंधवा एसडीएम सहित पुलिस अधिकारियों और वन विभाग के रेंजर आदि के मोबाइल नंबर और जानकारी मांगी है।