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न्याय में देरी बढ़ा रही पीडि़ताओं का दर्द, बार-बार शिकायत पर भी नहीं होती कार्रवाई

locationभरतपुरPublished: Oct 21, 2020 10:33:51 am

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-कामां में एक समाज के प्रदर्शन करने के बाद भी नहीं हो सकी आरोपियों की गिरफ्तारी

न्याय में देरी बढ़ा रही पीडि़ताओं का दर्द, बार-बार शिकायत पर भी नहीं होती कार्रवाई

न्याय में देरी बढ़ा रही पीडि़ताओं का दर्द, बार-बार शिकायत पर भी नहीं होती कार्रवाई

भरतपुर. भले ही हर साल बड़ी संख्या में कामां सर्किल के थानों में बलात्कार के फर्जी केस दर्ज होने की बात खुद पुलिस अधिकारियों की ओर से कही जाती रही है, लेकिन यह भी हकीकत है कि जिन केसों में पुलिस को समय पर जांच कर गिरफ्तारी करनी चाहिए, उनमें कभी भी न्याय नहीं मिल पाता है। हाल में ही कामां में एक समाज की ओर से पीडि़ता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया। मामला करीब पांच महीने से भी पुराना है। इस मामले को लेकर स्थानीय पुलिस से लेकर जिला पुलिस अधीक्षक व आईजी तक गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी रसूख के दबाव में कार्रवाई नहीं किए जाने की शिकायत भी की जा रही है। इसी प्रकरण में पीडि़ता के परिजन यह शिकायत भी कर चुके हैं कि आरोपीपक्ष उन्हें लगातार धमकियां दे रहा है। घटना 26 अप्रेल की है और कामां सर्किल के एक थाने के गांव की है। हालांकि अब समाज के लोगों ने भी 15 दिन में कार्रवाई नहीं होने पर प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
जानकारी के अनुसार महिला अत्याचार के मामलों को लेकर रसूख के दबाव के चलते ज्यादातर पंच पंचायत से दबाव देकर दबा दिया जाता है कहीं कार्रवाई के अभाव में पीडि़त पक्ष हार जाता है। कुछ में राजीनामा कराकर मामले को रफा दफा कर दिया जाता है। वहीं पुलिस भी अपराधियों को पकडऩे में अनाकानी करती रहती है। यहां तक कि अपराधियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद पुलिस रसूखदारों के दबाव में उसे पकडऩे की जहमत नहीं उठा पाती है। ऐसे ज्यादातर केस में यह भी सामने आता है कि पीडि़ता की जांच ही देरी से कराई जाती है, ताकि सच का पता ही नहीं चल सके। कामां में एक समाज की ओर से प्रदर्शन करने के दौरान भी यह बात सामने आई थी कि इस केस में पूरी लापरवाही पुलिस की ओर से की गई है।
पुलिस बता रही रास्ता, किससे करनी है सिफारिश

पिछले कुछ समय से कठोर धाराओं वाले केसों में सिफारिश का भी अनूठा खेल चल रहा है। खुद पुलिस की ओर से जिनको जांच का जिम्मा दिया जाता है, वह खुद बता देते हैं आखिर आरोपी पक्ष को बचना है तो किससे सिफारिश किसे करानी है। ऐसे दो केसों में सिफारिश करने की शिकायत भी जिलास्तरीय जनसुनवाई में की गई थी। इसकी शिकायत एसपी से भी की गई थी। ऐसे ही सर्किल के एक थाना क्षेत्र में राजनैतिक प्रभाव के चलते पुलिस की ओर से कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद भी आरोपियों को नहीं पकड़ा गया। 2019 के ही एक मामले में पीडि़ता के परिजन न्याय मांगते फिर रहे हैं, लेकिन आज तक कोई निराकरण नहीं हो सका है।
जिले के प्रभारी मंत्री के पास भी पहुंच चुका मामला

पिछले दिनों कामां के ही दो थाना क्षेत्रों में ऐसे केसों में पुलिस की ओर से समय पर कार्रवाई नहीं करने का मामला जिले के प्रभारी मंत्री के पास भी पहुंचा था, उन्होंने पुलिस अधिकारियों से भी बात करने का आश्वासन दिया था। हकीकत यह है कि इस तरह के मामलों को लेकर अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करे तो पीडि़त परिवार को भी न्याय मिल सकता है।
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