पुलिस बता रही रास्ता, किससे करनी है सिफारिश पिछले कुछ समय से कठोर धाराओं वाले केसों में सिफारिश का भी अनूठा खेल चल रहा है। खुद पुलिस की ओर से जिनको जांच का जिम्मा दिया जाता है, वह खुद बता देते हैं आखिर आरोपी पक्ष को बचना है तो किससे सिफारिश किसे करानी है। ऐसे दो केसों में सिफारिश करने की शिकायत भी जिलास्तरीय जनसुनवाई में की गई थी। इसकी शिकायत एसपी से भी की गई थी। ऐसे ही सर्किल के एक थाना क्षेत्र में राजनैतिक प्रभाव के चलते पुलिस की ओर से कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद भी आरोपियों को नहीं पकड़ा गया। 2019 के ही एक मामले में पीडि़ता के परिजन न्याय मांगते फिर रहे हैं, लेकिन आज तक कोई निराकरण नहीं हो सका है।
जिले के प्रभारी मंत्री के पास भी पहुंच चुका मामला पिछले दिनों कामां के ही दो थाना क्षेत्रों में ऐसे केसों में पुलिस की ओर से समय पर कार्रवाई नहीं करने का मामला जिले के प्रभारी मंत्री के पास भी पहुंचा था, उन्होंने पुलिस अधिकारियों से भी बात करने का आश्वासन दिया था। हकीकत यह है कि इस तरह के मामलों को लेकर अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करे तो पीडि़त परिवार को भी न्याय मिल सकता है।