डेंगू को लेकर शहरभर में अलर्ट जारी कर दिया है, इसलिए आप भी सर्तक रहें। शहरके सरकारी अस्पतालों में डेंगू के टेस्ट से लेकर इलाज की फ्री सुविधा उपलब्ध है। साथ ही वार्डो में भी शिविर लगाया जा रहा है। अगर घर या मोहल्ले में किसी को बुखार है तो उसे शिविर तक लेकर जाएं। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि डेंगू को फैलते देख सभी ने पार्षद से वार्ड में स्वास्थ्य शिविर लगाने को कहा था पर उसने ध्यान ही नहीं दिया। सोमवार को निगम की फॉगिंग मशीन आई पर आधे रास्ते में ही खराब हो गई और लौट गई।
डेंगू पीडि़तों की संख्या लगातार बढऩे की वजह से ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स पर्याप्त नहीं है। इसे देखते हुए सीटू ने सहयोगियों व टाउनशिप के निवासियों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान करने की अपील की है, ताकि जरूरत पडऩे पर मरीज तुरंत प्लेटलेट्स उपलब्ध कराया जा सके। सीटू के महासचिव डीवीएस रेड्डी ने सेक्टर-9 हॉस्पिटल प्रबंधन की व्यवस्था और जिला प्रशासन के प्रयासों की भी सराहना की है।
कैबिनेट मंत्री व भिलाई विधायक प्रेमप्रकाश पाण्डेय सोमवार को डेंगू प्रभावित क्षेत्र वार्ड 36 गौतम नगर पहुंचे। जहां उन्होंने संयुक्त टीम की ओर से चलाए जा रहे डेंगू नियंत्रण अभियान का निरीक्षण किया। उन्होंने डेंगू बीमारी से बचने नागरिकों से अपील भी की। मंत्री पांडेय नागरिकों से मिले और कई टिप्स भी दिए। उन्होंने वार्ड में चल रहे अभियान में 3 चलित मोबाइल वैन को भी देखा, साथ ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से जानकारी ली। अभियान के दौरान वार्ड के नाली-नाला की सफाई करते हुए दवाई का छिड़काव किया गया। मच्छर उन्मूलन हेतु मैलाथियान दवाई का फॉगिंग मशीन से धुंआ, कीटनाशक दवाई का छिड़काव भी किया गया।
डेंगू से सप्ताहभर में पांच मौत हो चुकी है। 31 जुलाई को खुर्सीपार में 9 साल के साई कुमार। 4 अगस्त छावनी के 9 साल के रौनक। इसी बीच छावनी के ही यश जांगड़े। 5 अगस्त को खुर्सीपार के विक्की ब्रह्मे की मौत भी डेंगू से हो गई। आज रवि की जान डेंगू से गई।
डॉ. वीएस राय, बीएएमएस
पहली ही बार में टेस्ट लिख देता तो दोबारा कैसे आते
क्त दो दिन पहले जिस बच्चे का इलाज किया था उसका डेंगू टेस्ट क्यों नहीं कराया?
उसे तो सामान्य उल्टी और बुखार था, मेरा काम उसे कम करना था।
क्त आपको पता है डेंगू के क्या लक्षण हैं? जब शहर में अलर्ट है तो आपने क्यों नहीं लिखा टेस्ट?
परिजन महंगा इलाज नहीं चाहते। अगर पहली बार ही टेस्ट लिख देता तो वे इलाज के लिए नहीं आते।
क्त इसका मतलब आप अपने फायदे के लिए लोगों को टेस्ट नहीं लिखते।
नहीं, नहीं आप गलत बोल रहे हो, टेस्ट लिखने से वे घबरा जाते हैं।
क्त डेंगू को देख आपने उन्हें समझाया क्यों नहीं?
डॉक्टर ने बिना जवाब दिए ही फोन रख दिया।
डेंगू की रोकथाम के लिए निजी चिकित्सालयों द्वारा नि:शुल्क सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी। सोमवार को कलेक्टर कक्ष में कलेक्टर उमेश कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें शंकराचार्य मेडिकल कालेज जुनवानी, सीएम मेडिकल कालेज कचांदूर, चन्दूलाल चन्द्राकर हॉस्पीटल भिलाई, स्पर्श हॉस्पीटल भिलाई, बीएस शाह हॉस्पीटल भिलाई, एसआर हॉस्पीटल भिलाई, श्रेयस नर्सिंग कालेज भिलाई के संचालक और आइएमए के अध्यक्ष व जिला चिकित्सालय के चिकित्सक शामिल हुए।