न्यायाधीश ने फैसले में प्रकरण के मुख्य आरोपी खुर्सीपार निवासी राम सोना, पिता गुल्ली सोना, उम्र 24 साल को हाई कोर्ट से पुष्टि होने के बाद मृत्युदंड देने का आदेश दिया है। इस मामले में अन्य आरोपी अमृत सिंह, 23 साल व मुख्य आरोपी की मां कुंती सोना को साक्ष्य छुपाने के आरोप में पांच-पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई है।
उल्लेखनीय है कि मुख्य आरोपी ने पंाच साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर दी थाी। उसके सहायोगियों ने शव को ठिकाने लगाया था। मामले की पैरवी करने वाले पॉक्सो एक्ट के अधिवक्ता कमल वर्मा ने बताया कि 25 फरवरी 2015 को घटना खुर्सीपार में हुई थी।
दुर्ग न्यायालय में पहली बार दुष्कर्म के मामले में किसी आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। फांसी की सजा सुनाते ही पीडि़त परिवार के चेहरे खिल गए। पीडि़त परिवार ने कहा हमारी बच्ची को अंतत: न्याय मिल गया। यह देश की लाखों बेटियों और उनके साथ हुए अन्याय की जीत है।
दुर्ग विशेष न्यायालय में दुष्कर्म के मामल में फांसी की सजा सुनाने का फैसला 140 पृष्ठ में कैद है। आरोपी और पीडि़त के दोनों पक्षों को ध्यान में रखते हुए जज ने अपना फैसला दिया। इसके साथ ही दुष्कर्म के मामले में पहली बार फांसी की सजा का दिन और तारीख कोर्ट के इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।