भाजपा के वरिष्ठ नेता और बीस सूत्रीय क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष खूबचंद पारख ने एक संस्मरण बताते हुए कहा कि देश में 1991 में होने वाले चुनाव में राजनांदगांव से भाजपा की टिकट पर दुर्ग के धर्मपाल गुप्ता चुनाव लड़ रहे थे। उस वक्त उनके प्रचार के लिए अटल जी राजनांदगांव आए थे। म्यूनिसिपल स्कूल मैदान में उनकी सभा थी।
अटल जी मैदान में पहुंचे और देखते ही देखते पूरा मैदान खचाखच भर गया था। पारख बताते हैं कि अटल जी के मंच पर पहुंचते ही सड़क पर चल रहे लोग, बाहर इंतजार कर रही पब्लिक मैदान में समा गई और वो ऐतिहासिक सभा साबित हुई। हालांकि उस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी धर्मपाल गुप्ता पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के बाल सखा कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व सांसद स्व. शिवेन्द्र बहादुर सिंह से चुनाव हार गए थे।
भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष सुरेश एच लाल ने बताया कि यहां सभा के बाद अटल जी को नागपुर जाना था। वे इतने सादगी पसंद थे कि उस वक्त जो ट्रेन का समय था उसी में वे जाने तैयार हो गए। रेलवे स्टेशन में जाने पर पता चला कि पैसेंजर ट्रेन आने वाली है। बड़ी संख्या में लोग उनको स्टेशन छोडऩे गए थे और पैसेंजर ट्रेन से अटल जी नागपुर रवाना हुए थे।
अविभाजित मध्यप्रदेश के समय में 1980 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी चुनाव लड़ रही थी। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी चुनाव मैदान में उतरी। राजनांदगांव विधानसभा से भाजपा के पहले प्रत्याशी श्यामसुंदर जैन के चुनाव प्रचार में भी अटल जी यहां आए थे। चुनाव प्रचार के बाद उन्होंने भोजन आरएसएस के जिला संघचालक रामकरण अग्रवाल के घर में किया था। अग्रवाल भाजपा के मौजूदा जिला अध्यक्ष संतोष अग्रवाल के पिता थे।