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अटल जी की सादगी ऐसी कि ऐतिहासिक सभा के बाद लोकल ट्रेन में पूर्व PM ने किया था राजनांदगांव से नागपुर तक सफर

locationभिलाईPublished: Aug 16, 2018 03:48:32 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

अटल जी मैदान में पहुंचे और देखते ही देखते पूरा मैदान खचाखच भर गया था। पारख बताते हैं कि अटल जी के मंच पर पहुंचते ही सड़क पर चल रहे लोग, बाहर इंतजार कर रही पब्लिक मैदान में समा गई और वो ऐतिहासिक सभा साबित हुई।

atal bihari vajpayee

अटल जी की सादगी ऐसी कि लोकल ट्रेन में पूर्व PM ने किया था राजनांदगांव से नागपुर तक सफर

राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ राज्य के गठन की नींव रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का राजनांदगांव से गहरा नाता रहा है। अटल जी वैसे तो अपनी पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में करीब तीन चार बार राजनांदगांव आए हैं लेकिन अटल जी, पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने राजनांदगांव को देश की राजनीति के शिखर तक पहुंचाने का काम किया था।
देश की तेरहवीं लोकसभा में 1999 में पहली बार राजनांदगांव के सांसद को केन्द्रीय मंंत्री का पद अटलजी ने ही दिया था। राजनांदगांव की राजनीति में वैसे तो धाकड़ लोगों का प्रभुत्व रहा है। खैरागढ़ राज परिवार के वर्चस्व कायम होने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा ने भी यहां का प्रतिनिधित्व किया था।
केन्द्र की राजनीति में मंत्री पद का सूखा तेरहवीं लोकसभा में आकर खत्म हुआ जब यहां से पहली बार सांसद निर्वाचित होने वाले डॉ. रमन सिंह (वर्तमान में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री) को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया और उद्योग राज्य मंत्री बनाया।
सादगी बेमिसाल थी
भाजपा के वरिष्ठ नेता और बीस सूत्रीय क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष खूबचंद पारख ने एक संस्मरण बताते हुए कहा कि देश में 1991 में होने वाले चुनाव में राजनांदगांव से भाजपा की टिकट पर दुर्ग के धर्मपाल गुप्ता चुनाव लड़ रहे थे। उस वक्त उनके प्रचार के लिए अटल जी राजनांदगांव आए थे। म्यूनिसिपल स्कूल मैदान में उनकी सभा थी।
वे अपने तय समय पर राजनांदगांव पहुंच गए थे लेकिन मैदान में लोग कम थे। पार्टी के लोगों ने योजना तैयार की कि अटल जी को कुछ देर रोककर सभा स्थल ले जाया जाएगा। अटल जी को हाइवे में स्थित एक निजी रेस्ट हाउस में ले जाया गया। वे वहां फ्रेश हुए तब उन्हें कहा गया कि अभी सभास्थल खाली है, कुछ देर रूककर जाएंगे लेकिन उन्होंने यह कहते हुए तुरंत चलने कहा कि हम जनता का इंतजार कर लेंगे।
और पूरा मैदान भर गया
अटल जी मैदान में पहुंचे और देखते ही देखते पूरा मैदान खचाखच भर गया था। पारख बताते हैं कि अटल जी के मंच पर पहुंचते ही सड़क पर चल रहे लोग, बाहर इंतजार कर रही पब्लिक मैदान में समा गई और वो ऐतिहासिक सभा साबित हुई। हालांकि उस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी धर्मपाल गुप्ता पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के बाल सखा कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व सांसद स्व. शिवेन्द्र बहादुर सिंह से चुनाव हार गए थे।
पैसेंंजर ट्रेन से गए नागपुर
भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष सुरेश एच लाल ने बताया कि यहां सभा के बाद अटल जी को नागपुर जाना था। वे इतने सादगी पसंद थे कि उस वक्त जो ट्रेन का समय था उसी में वे जाने तैयार हो गए। रेलवे स्टेशन में जाने पर पता चला कि पैसेंजर ट्रेन आने वाली है। बड़ी संख्या में लोग उनको स्टेशन छोडऩे गए थे और पैसेंजर ट्रेन से अटल जी नागपुर रवाना हुए थे।
भाजपा के पहले चुनाव में भी आए थे
अविभाजित मध्यप्रदेश के समय में 1980 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी चुनाव लड़ रही थी। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी चुनाव मैदान में उतरी। राजनांदगांव विधानसभा से भाजपा के पहले प्रत्याशी श्यामसुंदर जैन के चुनाव प्रचार में भी अटल जी यहां आए थे। चुनाव प्रचार के बाद उन्होंने भोजन आरएसएस के जिला संघचालक रामकरण अग्रवाल के घर में किया था। अग्रवाल भाजपा के मौजूदा जिला अध्यक्ष संतोष अग्रवाल के पिता थे।
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