आईटीबीपी 41 बटालियन के जवानों ने मरीज की जान बचाने दो घंटे में ही रेस्क्यू किया। एसी दीपक भट्ट ने बताया कि हडेली से मरीज का गांव 5 किलोमीटर दूर था। वहां तक गाड़ी का जाना भी मुश्किल था। इसलिए उनकी टीम स्ट्रेचर लेकर पैदल ही निकल गई और गांव जाकर उन्हें हडेली तक लाया। इसी दौरान राणापाल सीओबी से संपर्क कर एक गाड़ी मंगाई जो खोरसानार नाले तक पहुंची। यहां से मरीज को गाड़ी में राणापाल भेजा गया। अधिकारी की मानें तो बारिश के बीच हार्टअटैक के मरीज को पैदल लेकर आना आसान नहीं था, लेकिन मैडिक्स टीम की शुरुआती चिकित्सा के कारण मरीज को कोई दिक्कत नहीं हुई।
डॉ हरीश कोंडागांव स्थित बटालियन के हेड क्वार्टर गए हुए थे,लेकिन जैसे ही उन्हें मरीज के बारे में पता चला ुउन्होंने मेडिक्स टीम को फस्र्ट एड की जानकारी दी और वे तुरंत ही वापस राणापाल पहुंचे। तभी मरीज को लेकर भी गाड़ी आ पहुंची। उन्होंने तत्काल ईसीजी कर ट्रीटमेंट शुरू किया और अटैक की संभावनाओं को रोका। जिसके बाद मरीज शंकर को कोडांगांव के जिला अस्पताल भेजा।
41 बटालियन के कमान अधिकारी सुरिंदर खत्री ने बताया कि अपने जवानों की सेहत का ख्याल रखते हुए आईटीबीपी की मेडिकल टीम सिविलियंस के लिए भी 24 घंटे मदद को तैयार है। शहर से दूर ऐसे गांव जहां सरकारी हॉस्पिटल या डॉक्टर की कोई सुविधा नहीं है वहां यह टीम आदिवासियों को समय पर इलाज मुहैया कर उनके जीवन को सुरक्षित रख रही है।