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देशसेवा का जज्बा: हार्ट अटैक के मरीज को लेने पांच किलोमीटर पैदल पहुंचे जवान और बचा ली जान

locationभिलाईPublished: Jul 13, 2018 01:09:46 pm

आईटीबीपी के जवानों ने पांच किलोमीटर पैदल चलकर हार्ट अटैक के एक मरीज को सही सलामत अस्पताल पहुंचाया।

Bhilai patrika

देशसेवा का जज्बा: हार्ट अटैक के मरीज को लेने पांच किलोमीटर पैदल पहुंचे जवान और बचा ली जान

भिलाई. कोण्डागांव के धूर माओवादी प्रभावित गांव जहां एंबूलेंस तक नहीं पहुंच पाती। वहां आईटीबीपी के जवानों ने पांच किलोमीटर पैदल चलकर हार्ट अटैक के एक मरीज को सही सलामत अस्पताल पहुंचाया। बुधवार की दोपहर करीब सवा तीन बजे आईटीबीपी की हडेली सीओबी में खबर आई थी कि बड़ेकोडर गांव में 65 वर्षीय शंकर को छाती में दर्द की शिकायत है। तत्काल मेडिक्स भारत ने डॉक्टर हरीश से बात की।
समय पर इलाज कर जान बचाई

इधर हडेली के कैंप कमांडर एसी दीपक भट्ट टीम के साथ गांव पहुंचे और मरीज को तेज बारिश में पैदल स्ट्रेचर पर कैंप लेकर आए। जहां से आईटीबीपी की ही गाड़ी में मरीज को रानापाल सीओबी भेजा गया। डॉ हरीश ने उनका समय पर इलाज कर जान बचाई। डॉ हरीश ने बताया कि शंकर को छाती में दर्द की वजह हार्टअटैक थी। अगर तत्काल मरीज को दवा नहीं मिलती तो उसकी जान खतरे में पड़ सकती थी।
2 घंटे में किया रेस्क्यू
आईटीबीपी 41 बटालियन के जवानों ने मरीज की जान बचाने दो घंटे में ही रेस्क्यू किया। एसी दीपक भट्ट ने बताया कि हडेली से मरीज का गांव 5 किलोमीटर दूर था। वहां तक गाड़ी का जाना भी मुश्किल था। इसलिए उनकी टीम स्ट्रेचर लेकर पैदल ही निकल गई और गांव जाकर उन्हें हडेली तक लाया। इसी दौरान राणापाल सीओबी से संपर्क कर एक गाड़ी मंगाई जो खोरसानार नाले तक पहुंची। यहां से मरीज को गाड़ी में राणापाल भेजा गया। अधिकारी की मानें तो बारिश के बीच हार्टअटैक के मरीज को पैदल लेकर आना आसान नहीं था, लेकिन मैडिक्स टीम की शुरुआती चिकित्सा के कारण मरीज को कोई दिक्कत नहीं हुई।
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40 किलोमीटर से पहुंचे डॉक्टर
डॉ हरीश कोंडागांव स्थित बटालियन के हेड क्वार्टर गए हुए थे,लेकिन जैसे ही उन्हें मरीज के बारे में पता चला ुउन्होंने मेडिक्स टीम को फस्र्ट एड की जानकारी दी और वे तुरंत ही वापस राणापाल पहुंचे। तभी मरीज को लेकर भी गाड़ी आ पहुंची। उन्होंने तत्काल ईसीजी कर ट्रीटमेंट शुरू किया और अटैक की संभावनाओं को रोका। जिसके बाद मरीज शंकर को कोडांगांव के जिला अस्पताल भेजा।
24 घंटे मदद को तैयार
41 बटालियन के कमान अधिकारी सुरिंदर खत्री ने बताया कि अपने जवानों की सेहत का ख्याल रखते हुए आईटीबीपी की मेडिकल टीम सिविलियंस के लिए भी 24 घंटे मदद को तैयार है। शहर से दूर ऐसे गांव जहां सरकारी हॉस्पिटल या डॉक्टर की कोई सुविधा नहीं है वहां यह टीम आदिवासियों को समय पर इलाज मुहैया कर उनके जीवन को सुरक्षित रख रही है।
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