दरअसल केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणामों की घोषणा के लिए आज का दिन निश्चित किया गया था। मंगलवार सुबह 10 बजे से राष्ट्रपति भवन में इन परिणामों की घोषणा और पुरस्कारों के वितरण के लिए समारोह का आयोजन किया गया।
इस समारोह में भाग लेने के लिए मध्यप्रदेश से भोपाल,इंदौर और उज्जैन के महापौर निगम आयुक्त और नेता प्रतिपक्ष को दिल्ली बुलवा लिया गया था।
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा अपनी टीम भेजकर इस वर्ष देश के 4237 शहरों में स्वच्छता की स्थिति का सर्वेक्षण कराया गया था। इसमें से टॉप टेन शहरों का चयन किया जाना है। इस सर्वे के आधार पर सभी शहरों को 5000 अंकों में से अंक दिए गए थे।
वहीं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा कराए गए स्वच्छता सर्वे में इंदौर को छोड़कर प्रदेश के किसी शहर को फाइव स्टार रेटिंग नहीं मिलने की बात कही जा रही है। हालांकि गोपनीय होने के कारण अधिकृत रूप से कोई इस मामले में कोई कुछ नहीं बोल रहा।
मंत्रालय ने सर्वे के दौरान तीन शहरों को ही फाइव स्टार रेटिंग लायक पाया है और सेवन स्टार रेटिंग किसी शहर को नहीं दी है। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में अहमदाबाद और पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों में उज्जैन ने बाजी मारी है।
इस बार आए नए आंकड़े मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के लिए काफी परेशान करने वाले रहे। भोपाल पिछली बार जहां देश में दूसरे नंबर पर था, वहीं इस बार 17 नंबर पिछड़ने के साथ वह 19वें पायदान पर पहुंच गया। जबकि संतोष की बात केवल इतनी रही कि भोपाल अब भी राजधानियों में स्वच्छता के मामले में नंबर 1 बना हुआ है।
महापौर ने लिया पुरस्कार…
देश की सभी राजधानियों में भोपाल नंबर वन आने पर भोपाल को देश की सबसे स्वच्छ राजधानी का पुरस्कार दिया गया। इसे लेने के लिए महापौर आलोक शर्मा ने राष्ट्रपति से यह पुरस्कार ग्रहण किया।
सबसे स्वच्छ बड़ा शहर : अहमदाबाद (10 लाख से ज्यादा आबादी वाला)
सबसे स्वच्छ मध्यम आबादी वाला शहर : उज्जैन (3 -10 लाख की आबादी)
सबसे स्वच्छ छोटा शहर : एनडीएमसी दिल्ली (3 लाख से कम आबादी)
सबसे स्वच्छ राजधानी : भोपाल
सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट : दिल्ली कैंट
सबसे स्वच्छ गंगा टाउन : गौचर, उत्तराखंड