
क्या आपके शरीर में भी है खास विटामिन्स की कमी? इन संकेतों से जाने
भोपालः शरीर के स्वस्थ दिखने और उसके ठीक से काम करने के लिए कई तरह के पोषक तत्वों की आवश्यक्ता होती है। ये पोषक तत्व शरीर को खाने से मिलते हैं। इनमें कार्बोहाइड्रेट , प्रोटीन , फैट , विटामिन्स , मिनरल्स और पानी आदि शामिल होता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक आहारों के सेवन की आवश्यक्ता होती है। किसी भी तरह के पोषक तत्व की कमी होने पर शरीर में कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जो आगे चलकर गंभीर बीमारी का रूप ले सकती हैं। स्वास्थ विशेषज्ञ बताते हैं कि, शरीर में किसी भी खास विटामिन या मिनरल की कमी होने से कुछ समय पहले ही हमारा शरीर उसकी कमी के संकेत देने लगता है। अगर हम उन संकेतों को समझ लें, तो समय रहते हम शरीर को ज़रूरी पोषक तत्व देकर उस खास विटामिन या मिनिरल की पूर्ति कर सकते हैं और लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं। आइये जानते हैं उन खास संकेतों के बारे में...।
बालों की समस्या
आजकल युवाओं में बाल झड़ने की समस्या आम सी बात हो गई है। बाल झड़ने, पकने, दो मूंहे होने, रूसी होने की समस्या से लगभग आज हर व्यक्ति परेशान है। इससे छुटकाना पाने के लिए लोग कई तरह के मेडिकल ट्रीटमेंट भी कराते हैं। लेकिन, अकसर लोग इसमें विफल ही होते हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि, इस समस्या का मुख्य कारण विटामिन बी-7 भी हो सकता है। विटामिन बी-7 यानी बायोटिन को हेयर विटामिन के नाम से भी जाना जाता है। इससे बचने के लिए उबले अंडे, एवकाडो, मशरूम, फूलगोभी, सोयाबीन, नट, रसभरी व केले आदि का नियमित सेवन लाभकारी होता है।
हड्डियों में कमजोरी
विटामिन-डी की कमी का सीधा असर शरीर की हड्डियों पर पड़ता है। क्योंकि, हड्डियों में कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा बनाए रखने के लिए विटामिन-डी का अहम योगदान है। शरीर में विटामिन-डी की कमी होने पर हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। जिसके कारण हड्डियों का बुखार, फ्लू हो जाता है। विटामिन-डी की कमी होने पर आगे चलकर हड्डियों के रोग होने लगते हैं जैसे, ऑस्टियोपोरोसिस, आर्थराइटिस आदि। विटामिन-डी की पूर्ति करने का सबसे अच्छा स्रोत धूप है, इस तरह की समस्या होने पर पीड़ित को रोजाना सुबह की धूप का सिकाव करना चाहिए। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि, रोजाना 10 मिनट पीठ की ओर से धूप का सिकाव करने से शरीर में 40 फीसदी तक विटामिन डी की पूर्ति हो सकती है। साथ ही, खाद्य पदार्थ में बादाम और मछली को विटामिन-डी का खास स्त्रोत माना जाता है। इसके नियमित सेवन से भी आप विटामिन-डी की पूर्ति कर सकते हैं।
शरीर में झुनझुनी
कई बार हमें शरीर में झुनझुनी होने लगती है। खासकर, हाथ-पैरों में। झुनझुनी होने पर ऐसा लगता है, मानों शरीर के ग्रस्त स्थान पर करंट दौड़ रहा हो। इसके अलावा, कई बार अचानक से त्वचा पर चुभन महसूस होने लगती है। ये विटामिन-बी की कमी के संकेत हो सकते हैं। विटामिन-बी भी कई तरह के हो सकते हैं जैसे, विटामिन बी-9 यानि फॉलेट , बी-6, और बी-12 आदि। आमतौर पर ये नसों से संबंधित बीमारी होती है क्योंकि झुनझुनाहट तब होती है जब शरीर में ठीक तरह से रक्त प्रवाह नहीं होता। इन लक्षणों के साथ चिंता, अवसाद, एनीमिया, थकान, और हार्मोन में असंतुलन की समस्या भी हो सकती है। इससे बचने के लिए पालक, शतावरी, बीट, सेम, अंडे आदि का सेवन लाभकारी होता है।
चेहरे पर सफेद दाने
अकसर चेहरे पर होने वाले सफेद दानों को हम मुंहासे मान लेते हैं। मुंहासे शरीर में हार्मोनल बदलाव लाते हैं। कई बार जब मुंहासों की उम्र निकल जाती है तब भी ये दाने हमें दिखते हैं तो आश्चर्य होता है लेकिन फिर भी हम इसे मुंहासे ही समझते हैं। जबकि चेहरे पर सफेद दानों का कारण फैटी एसिड और विटामिन-ए और डी की कमी हो सकता है। इससे बचने के लिए सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट के सेवन से बचना चाहिए, साथ ही जितना हो सके स्वस्थ वसा का सेवन करना चाहिए।
मूंह की समस्या
कई लोगों के मसूड़ों से खून आने लगता है या मुंह में छालों की समस्या बनी रहती है। वैसे तो ये पेट की गड़बड़ी का संकेत माना जाता है, लेकिन बार-बार मूंह में छाले होने का कारण शरीर में प्रोटीन की कमी का संकेत भी हो सकता है। आमतौर पर मसूड़ों की बीमारी का खतरा 35 वर्ष की उम्र के बाद होता है। हमारे शरीर को हर रोज लगभग 1000 मिलीग्राम प्रोटीन और विटामिन की जरूरत होती है। लेकिन, इससे जुड़े कम पोषक तत्व लेने पर शरीर में इस तरह के संकेत नज़र आने लगते हैं।
Published on:
08 Jun 2019 12:27 pm
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