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कोरोना से भी खतरनाक और जानलेवा है ये बीमारी, हर साल ले लेती है लाखों लोगों की जान

कोरोना से भी खतरनाक और जानलेवा है ट्यूबर कोलाइसिल बीमारी, हैरान कर देंगे ये आंकड़े।

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कोरोना से भी खतरनाक और जानलेवा है ये बीमारी, हर साल ले लेती है लाखों लोगों की जान

भोपाल/ पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुके कोरोना वायरस से अब तक 1 करोड़ 84 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। जबकि संक्रमण का शिकार होकर जान गंवाने वालों का आंकड़ा भी 6 लाख 96 हजार को पार कर चुका है। अगर मध्य प्रदेश की ही बात करें, तो यहां शुक्रवार रात को जारी हुए कोरोना बुलेटिन के अनुसार संक्रमितों की संख्या 37, 298 हो चुकी है। जबकि, संक्रमण से मरने वालों की संख्या 962 है और ये सिलसिला लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है। ये बात साफ है कि, महज कुछ महीनों के भीतर किसी संक्रमण से मरने वालों का ये आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है।

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कोरोना से काफी अधिक है इस बीमारी का शिकार होकर जान गवाने वालों के आंकड़े

लेकिन क्या जानते हैं कि, कोरोना वायरस ही इकलौती ऐसी बीमारी नहीं, जिसने मध्य प्रेश समेत दुनियाभर में अब तक लाखों लोगों को मौत की नींद सुला दिया है। दुनिया में पहले भी कई ऐसे संक्रमण आ चुके हैं, जिनकी वजह से हर साल लाखों लोग मौत की नींद सो जाते हैं। ये एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जो न सिर्फ मध्य प्रदेश में बल्कि पूरी दुनिया में तेजी से फैल रही है। हालांकि, जिम्मेदारों का इसपर कोई खास गौर नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीमारी के चलते हर साल दुनियाभर में करीब 15 लाख लोग मारे जाते हैं। भारत में पिछले साल की ही बात करें तो यहां 79,144 लोगों की जान गई थी। जबकि, इसका 8 फीसद यानी करीब 9 हजार लोगों की मृत्यु सिर्फ मध्य प्रदेश में ही हुई थी।

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पूरी दुनिया को ले चुकी है अपनी चपेट में

इस बीमारी का नाम है ट्यूबर-क्यूलोसिस यानी टीबी। ये भी कोरोना की ही तरह एक संक्रामक बीमारी है। आंकड़ों पर गौर करें तो, ये भी कोरोना की तरह पूरी दुनियां में फैल चुकी है। हालांकि, भारत में अब इसका टीका मौजूद है। ये एक ऐसी बीमारी है, जो सालों शरीर में रहकर भी शांत रह सकती है, यानी अकसर मरीज को पता ही नहीं होता कि, वो अपने शरीर में किसी जानलेवा बीमारी को पाल रहा है और जब ये अदर ही अंदर एक विकराल रूप धारण कर लेती है, तो मरीज के लिए इससे बच पाना काफी जटिल हो जाता है। आइए जानते हैं इस घातक बीमारी के बारे में कुछ खास बातें और ये भी कि, इसके क्या क्या लक्षण हैं।

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हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, खून-वाली थूक के साथ-साथ पुरानी खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और वजन घटना टीबी के मुख्य लक्षण माने जाते हैं। इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ भी इसका खास लक्षण है। दरअसल, अधिक खांसी आने की वजह से मरीज की सांस फूलने लगती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर दो या उससे ज्यादा हफ्तों तक आपको खांसी बनी रहे, तो टीबी की जांच जरूर करा लेनी चाहिए।

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टीबी के फैलने का माध्यम काफी हद तक कोरोना वायरस से मिलते हैं। ये हवा के माध्यम से तब फैलता है, जब टीबी संक्रमित मरीज खांसी, छींक या किसी अन्य प्रकार से हवा के माध्यम से अपना लार संचारित करे। इसलिए टीबी के मरीज को भी अक्सर आइसोलेशन में ही रखा जाता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में दुनिया के 27 फीसदी टीबी मरीज हैं, जिसका 8 फीसदी आंकड़ा मध्य प्रदेश का भी है। कोरोना फैलने से पहले तो इस बीमारी से पीड़ित मरीज का इलाज काफी हद तक संभव हो जाता था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से टीबी के मरीजों की डायग्नोसिस में 75 फीसदी की कमी आती है। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए लॉकडाउन और चिकित्सकीय व्यवस्था नहीं मिल पाने के कारण अगले 10 महीनों में टीबी के करीब 63 लाख मामले सामने आएंगे और इनमें से 14 लाख लोगों के मरने की आशंका जताई गई है।

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एमपी समेतइन पांच राज्यों में आए आधे मामले

रिपोर्ट के मुताबिक, 50 लाख से कम जनसंख्या वाले राज्य जैसे त्रिपुरा और नगालैंड देशभर में टीबी के मामलों में अव्वल हैं। पिछले साल की तरह ही टीबी के कुल मामलों में से आधे मामले मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों में हैं। इनमें उत्तर प्रदेश में 20 फीसद, महाराष्ट्र में 9 फीसद, मध्य प्रदेश में 8 फीसद, राजस्थान और बिहार में सात-सात फीसद मामले सामने आए हैं।