प्रति परिवार 500 रुपये का योगदान एसएसपी ने लोगों के लिए उदाहरण बनकर उभरने के लिए इन पुलिस परिवारों की सराहना की। कहा कि इन्होंने न केवल झुग्गियों वाले गरीब और प्रवासी मज़दूरों के परिवारों तक राशन पहुँचाया बल्कि मोबाइल पेट्रोलिंग के द्वारा हरेक नाके पर घर में बनाए गए मास्क भी बाँटे। प्रत्येक परिवार ने मदद के लिए 500 रुपए का योगदान दिया है। यह अपने लोगों की मदद के लिए डटे हुए हैं।
परिवार वाले बना रहे मास्क तालाबन्दी के बाद दिन में 14-16 दिन ड्यूटी पर लगे पुलिसकर्मचारियों के साथ उनके परिवार पूर्ण समर्थन दिखा रहे हैं। पुलिस क्वार्टरों में रहने वाले 100 परिवारों में से तकरीबन 30 परिवार सहायता के लिए आगे आए हैं। घरों में अपनी सिलाई मशीनों के द्वारा मास्क बनाकर सुरक्षा और स्वास्थ्य को यकीनी बनाने में अपना अहम योगदान दे रहे हैं। पत्नी, बच्चे और यहाँ तक कि माता-पिता उत्साह के साथ ग़ैर-सरकारी संगठनों और आम लोगों द्वारा दान किए गए राशन से पैकेट बना कर पुलिस वालों पर काम के भोझ को कम करने के लिए उत्साह सहित सक्रिय हैं।
क्या कहते हैं पुलिस वालों के घर वाले ए.एस.आई. जगतार सिंह की पत्नी 48 वर्षीय सुखविन्दर कौर कहती हैं कि हम इस मुश्किल समय में अपने घरवालों को सुरक्षित रखने के लिए मास्क बनाने से बेहतर कुछ भी नहीं सोच सकते। ए.एस.आई. चन्द्रमोहन की 16 वर्षीय बेटी श्रुति अपनी बड़ी (21) और छोटी (9) वर्षीय बहनों की मदद से अपने ज़्यादातर समय में मास्क बनाने में लगी हुई है। ए.एस.आई. विनोद कुमार की पत्नी परवीन कौर ने भी अपने तीन बच्चों के साथ जंरूरतमंदों के लिए राशन के पैकेट बनाने में मदद की। इस कठिन समय में थोड़ी सी मदद का भी बहुत अधिक महत्तव होता है। इससे हमारे बच्चे मुश्किल समय में हरेक के साथ खड़ा होना सीखते हैं।
मदद करके खुशी ए.एस.आई. जगीर सिंह की बेटी लवप्रीत कौर कहती हैं, ‘‘पुलिस वालों के परिवारों की जि़ंदगी भी उनकी जिदंगी की तरह ही अनुकरणीय है। राशन पैकेट बनाना आम जि़ंदगी में बहतु बड़ी बात नहीं परन्तु इस समय जब पुलिस मुलाजि़म बहुत ज़्यादा ड्यूटी कर रहे हैं हर छोटी मदद भी बड़ी बात है। मुझे खुशी है कि हम इस समय में अपना थोड़ा सा योगदान देकर पुलिस मुलाजि़मों के कंधों से कुछ भार हलका कर रहे हैं।