यह भी पढ़ें पंजाब पुलिस इंटेलीजेंस विंग में तैनात कुलविंदर की हत्या, शव बोरी में बंद कर फेंका फ्लैशबैक आगे बढ़ने से घटना के बारे में जान लेना आवश्यक है। पांच सितम्बर, 2019 की रात्रि में तरनतारन के पंडोरी गोला गांव में हुए विस्फोट में गांव कदगिल निवासी बिक्रमजीत सिंह विककी और गांव बचडे निवासी हरपरीत सिंह हैपी की मौके पर ही मौत हो गई थी। गुरजंट घायल हो गया था। इसे आतंकवादी घटना के रूप में देखा गया। जांच राष्ट्रीयसुरक्षा एजेंसी को सौंपी गई। जांच के दौरान सनसनीखेज खुलासा हुआ। दोनों बम 2016 में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रधान सुखबीर बादल की हत्या के लिए तैयार किए गए थे। तब भारी सुरक्षा के कारण आतंकवादी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए थे। इसके बाद उन्होंने ये बम खेत में दबा दिए थे।
यह भी पढ़ें 2022 के चुनाव में 117 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी, पंजाब में अपने दम पर सरकार बनाएगी भाजपा 2016 में की जानी थी हत्या गिरफ्तार आरोपी मलकीत सिंह शेरा ने पूछताछ के दौरान बताया था कि उनका सरगना बिक्रम सिंह पंजवड़ उर्फ बिक्कर है। उससे उसकी दोस्ती 2014 में हुई थी। बिक्रम आईईडी विस्फोटक बनाने में विशेषज्ञ था और उसने विस्फोटक सामग्री तैयार कर ली थी। उसका कहना था कि बादल परिवार बेअदबी के लिए जिम्मेदार है और इन्हें मारा जाना चाहिए। सुखबीर सिंह बादल नवंबर 2016 में श्री गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व पर स्वर्ण मंदिर जाने वाले थे और तभी उन पर हमले की योजना बनाई गई। पांच सितंबर को जब विस्फोट हुआ तब गुरजंट और उसके दो सहयोगी हरप्रीत सिंह और विक्रमजीत बम को निकालने की कोशिश कर रहे थे। विस्फोट में गुरजंट घायल हो गया था।
यह भी पढ़ें सिमनरजीत कौर Tokyo Olympics के लिए क्वालीफाई होने वाली पहली पंजाबी महिला मुक्केबाज बनीं इनके खिलाफ आरोपपत्र एनआईए ने बाद में खालिस्तान समर्थक नौ युवकों को गिरफ्तार किया। तरनतारन निवासी मस्सा सिंह, हरजीत सिंह, गुरजंट सिंह, मनप्रीत सिंह, बिक्रमजीत सिंह पंजावर, अमृतसर निवासी मलकीत सिंह तथा अमरजीत सिंह, गुरदासपुर निवासी चंदीप सिंह व एक किशोर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (निषेध) कानून और विस्फोटक सामग्री कानून में मामला दर्ज किया गया है।