
CG News: एनएमडीसी लौह अयस्क खदानों में 27 फरवरी से जारी क्रमिक भूख हड़ताल समाप्त होने के बाद 20 मार्च से उत्पादन दोबारा शुरू हो गया। ऑल इंडिया वर्कर्स फेडरेशन यूनियन ने बिना किसी शर्त के आंदोलन समाप्त कर दिया और एनएमडीसी प्रबंधन की सभी शर्तों को स्वीकार करते हुए एफआरएस (फेस रीडिंग सिस्टम) को लागू करने पर सहमति जता दी।
यूनियन के इस फैसले से कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। मजदूर जो आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार थे, उन्हें बिना किसी ठोस निर्णय के पीछे हटना पड़ा। एनएमडीसी के सभी विंगों में 15 मार्च से उत्पादन पूरी तरह बंद था। सिर्फ किरंदुल ही नहीं, बल्कि पूरे देश में जहां-जहां एनएमडीसी के प्रोजेक्ट थे, वहां भी काम बंद रहा।
इस बार ट्रेड यूनियनों ने काम बंद नहीं किया बल्कि प्रबंधन ने ही वर्क जॉब देने से इनकार कर दिया। एनएमडीसी प्रबंधन ने साफ किया था कि एफआरएस सिस्टम के जरिए फेस रीडिंग से हाजिरी लगाई जाएगी, तभी मजदूरों को काम मिलेगा। जब कर्मचारियों ने इसका विरोध किया, तो प्रबंधन ने उन्हें काम ही नहीं दिया और ’’नो वर्क, नो वेज’’ नीति अपनाई। इससे एनएमडीसी को अरबों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।
राजेश सिंधु, सचिव, संयुक्त खदान मजदूर संघ, किरंदुल: हमारी केंद्रीय इस्पात मंत्री से बात हुई है उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि जल्द ही मजदूरों का वेज रिवीजन कर दिया जाएगा। मजदूरों के हित को देखते हुए हमने बिना शर्त के ही हड़ताल खत्म कर दी है कर्मचारी एफ आर एस सिस्टम से हाजरी लगा कर ड्यूटी कर रहे है। कर्मचारी ओवर टाइम भी कर रहे है। उत्पादन सभी मिल कर पूरा कर रहे है।
CG News: 20 मार्च को हड़ताल समाप्त करने के बाद एनएमडीसी ट्रेड यूनियन लीडर केंद्रीय इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी से मिले। उन्होंने आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर वेतन समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा। उनका कहना था कि अब तक वेज रिवीजन की फाइल उनके पास नहीं पहुंची थी, लेकिन वह इस्पात सचिव से चर्चा कर इसे जल्द पूरा करवाएंगे।
हालांकि, कर्मचारियों में इस बात को लेकर रोष है कि यूनियन जिन चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रही थी, वे पूरी नहीं हुईं और एनएमडीसी प्रबंधन ने एफआरएस सिस्टम लागू कर दिया। मजदूरों का मानना है कि बिना ठोस निर्णय के हड़ताल खत्म करना उनके साथ अन्याय है।
Published on:
22 Mar 2025 01:39 pm
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