बाल्यावस्था में हनुमानजी सुबह-सुबह खेल रहे थे, उन्हें भूख लगी। सूरज निकलने वाला था, जिस कारण वह लाल दिख रहा था। हनुमानजी ने समझा कोई फल है, जिसे खाने के लिए वह सूर्य की तरफ उड़ चले और देखते ही देखते उन्होंने सूर्य को मुंह में रख लिया। दुनिया में अंधेरा छा गया, देवताओं की प्रार्थना के बाद सूर्यदेव को मुक्त कराया जा सका।