
Chaitr Navratri: साल में 4 बार आने वाली नवरात्रि में चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि गृहस्थ के लिए सबसे खास होती है, चैत्र नवरात्रि में जहां भगवान राम का अवतार हुआ, वहीं शारदीय नवरात्रि यानी महानवरात्रि या अश्विन नवरात्रि मां दुर्गा के दैत्य वध के लिए जाना जाता है ।
धर्म ग्रंथों के अनुसार जब भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मणजी के साथ 14 साल के लिए वनवास गए तो यहां रावण ने धोखे से माता सीता का हरण कर लिया। इसके बाद मां आदिशक्ति की पूजा कर भगवान राम ने रावण से युद्ध किया। इसी समय अश्विन नवरात्रि के बाद आने वाली दशहरा तिथि पर भगवान राम ने रावण का वध कर उस पर विजय प्राप्त की। इसलिए इस नवरात्रि का विशेष महत्व है।
एक अन्य कथा के अनुसार मां दुर्गा ने नौ दिनों तक दुष्ट राक्षस महिसासुर से युद्ध कर दसवें दिन उसे पराजित किया था। इसलिए भक्त लगातार नौ दिनों तक उपासना कर मां को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस समय पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो सकते हैं और आप एक समृद्ध जीवन की शुरुआत कर सकते हैं।
Durga Ji Ke Nav Roop: शारदीय नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नव दुर्गा उत्सव में पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
Navratri Puja Samagri 2025: नवरात्रि में पूजा के लिए कुमकुम, फूल, देवी की मूर्ति या फोटो, जल से भरा कलश, मिट्टी का बर्तन, जौ, लाल चुनरी, लाल वस्त्र, मौली, नारियल, साफ चावल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, कपूर, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी / तेल, धूप, फल-मिठाई और कलावा आदि की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा तोरण सजाने के लिए आम के पत्ते, गंगाजल, गणेश जी की मूर्ति, चौकी, दूब, दुर्गा सप्तशती, अगरबत्ती और धूपबत्ती की जरूरत पड़ती है।
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Updated on:
30 Mar 2025 08:15 am
Published on:
26 Sept 2024 01:10 pm
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