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किसानों के लिए राहत… लहलहा रही धान की बालियां, कीट-व्याधि नियंत्रण में सफल

CG News : इस साल जिले के किसान धान के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बनाएंगे। जिले का औसत उत्पादन भी बढ़ेगा।

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किसानों के लिए राहत... लहलहा रही धान की बालियां, कीट-व्याधि नियंत्रण में सफल

किसानों के लिए राहत... लहलहा रही धान की बालियां, कीट-व्याधि नियंत्रण में सफल

दुर्ग। CG News : इस साल जिले के किसान धान के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बनाएंगे। जिले का औसत उत्पादन भी बढ़ेगा। कृषि विभाग के मुताबिक जिले में प्रति एकड़ औसतन उत्पादन 24 क्विंटल है। इस साल प्रति एकड़ औसत उत्पादन 26 क्विंटल तक पहुंच सकता है। जिस तरह धान की फसल है उससे किसान भी ऐसी ही उम्मीद लगा रहे हैं। अनुकूल वर्षा, बीमारियों पर नियंत्रण, उन्नत कृषि तकनीक व शासकीय योजनाओं का लाभ लेते हुए किसानों की मेहनत का यह परिणाम है।

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प्रमाणित बीज का उपयोगजिले के किसानों ने प्रमाणित बीज को उयोग में भी रूचि दिखाई है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक प्रमाणित बीज के उपयोग से उत्पादन में 15 से 20 फीसदी की वृद्धि निश्चित है। अच्छे उत्पादन की उम्मीद से किसान खुश है। किसानों से बातचीत में यह बात सामने आई है कि कृषि यंत्रों और उर्वरकों में रियायत मिले तो किसान और अधिक उत्पादन कर सकते हैं। लागत के मुकाबले उनका मुनाफा भी बढ़ सकता है।

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छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद जिले में सिचाई के साधनों का बेहतर विकास हुआ है। सिंचित रकबे में वृद्धि हुई। शासन की योजना नरवा, गरवा, घुरवा,बारी का असर भी अब खेतों में दिखने लगा है। नरवा के माध्यम से सिंचाई का विस्तार हुआ है। सोलर पंप के कारण भी किसानों को लाभ मिला है। अधिकारियों के मुताबिक जिले के 355 गांवों में 996 नग सोलर पंप लगाया गया है।

उर्वरा शक्ति बढ़ाने जैविक खाद का उपयोग

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार नहरों के जीर्णोद्धार व लाइनिंग कार्य से सिंचित रकबे में वृद्धि हुई है। उत्पादन बढ़ाने के लिए रसायनिक उर्वरकों के उपयोग के साथ भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए किसान जैविक उर्वरक का उपयोग भी कर रहे हैं।

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मिट्टी परीक्षण को लेकर किसान जागरूक

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले के किसान अब मिट्टी परीक्षण को लेकर काफी जागरूक हुए हैं। मिट्टी परीक्षण से बड़ा लाभ यह होता है कि इससे संतुलित खाद का उपयोग सुनिश्चित होता है। पहले के मुकाबले अब किसान मिट्टी परीक्षण के महत्व समझने लगे हैं। इसका फायदा अब उत्पादन में दिखने लगा है। किसानों कोे इससे लाभ होगा।

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क्या कहते हैं किसान नेता

किसानों के हितों के लिए संघर्ष करने वाले किसान नेताओं का मानना है कि कुछ चीजों पर किसानों को रियायत मिलना चाहिए। किसान नेता रविप्रकाश ताम्रकार का कहना है कि कृषि कार्य में लागत कम नहीं हो रही है। बिजली व कृषि यंत्रों में अनुदान बढ़ाया जाना चाहिए। किसान नेता व धमधा जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रामखिलावन साहू का कहना है कि कृषि के लिए पर्याप्त बिजली सस्ते दर पर मिलनी चाहिए। किसान नेता व दुर्ग जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मोहन हरमुख का कहना है कि पहले से स्थिति सुधरी है। अब पढ़े लिखे युवा भी कृषि में रूचि लेने लगे हैं। चंगोरी के किसान तुलसीराम देशमुख कहते हैं इस साल फसल अच्छी है। शुरूआत कीट व्याधि ने जरूर परेशान किया पर अब कंट्रोल है।

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कतार बोनी भी कर रहे हैं किसान

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसान प्रमाणित बीज का तो उपयोग कर रहे हैं। अगर उन्नत विधि से बोनी करें तो उत्पादन और बढ़ सकता है। हालांकि कई किसान उन्नत तकनीक से खेती कर रहे हैं पर उनकी संख्या कम है। उनका कहना है कि किसानों को कतार बोनी, मेडागास्कर पद्यति से बोनी अपनाना चहिए। बहुत से किसान कतार बोनी कर भी रहे हैं। मेडागास्कर पद्यति में प्रति एकड़ सिर्फ पांच किलो बीज लगता है। बोनी विधि बदलने से प्रति एकड़ में पांच से सात क्विंटल तक उत्पादन बढ़ सकता है।

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जिले के किसान धान की प्रति हेक्टेयर पैदावार बढ़ने से खुश हैं। धान को लहलहाती बालियों उनकी खुशी को दुगुना कर रही है। किसानों का कहना है कि जो उन्नत तरीके से खेती कर रहे हैं और जिनके पास सिंचाई का साधन है वे प्रति एकड़ 30 से 35 क्विंटल तक पैदावार ले रहे है।


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इसलिए उत्पादन में वृद्धि

- अनुकूल वर्षा

- उपजाऊ मिट्टी

- उन्नत तकनीक

- जल संसाधनों का उपयोग

- भूमि सुधार कार्यक्रम का लाभ

- प्रमाणित बीज का इस्तेमाल

- रसायनिक उर्वरकों का उपयोग

- भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने जैविक उर्वरक का उपयोग

- कृषि यंत्रों के अनुदान का लाभ

- किसान समृद्धि योजना का लाभ

- नलकूप योजनाका लाभ

- शून्य ब्याज पर कृषि ऋण का लाभ

जिले में इजराइल के ड्रिप सिस्टम से भी किसान खेती कर रहे हैं। कृषि विभाग के अनुसार जिले में 591 हेक्टेयर में ड्रिप सिस्टम से खेती हो रही है। इस ड्रिप स्सिटम से हर पौधे तक आसाना से पानी पहुंचाया जा सकता है।


जिले के किसान उन्नत तकनीक का इस्तेमाल कर रहे है। जिले में प्रमाणित बीजों का उपयोग बढ़ा है। शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में किसान आगे रहे। कीट व्याधि पर नियंत्रण के उपाय भी किसानों ने किया है। वर्षा भी अनुकुल रहा। जिसका नतीजा है कि फसल अच्छी है और उत्पादन बढ़ने की संभावना है।


- आरके राठौर संयुक्त संचालक कृषि