एचडी कुमारस्वामी के सीएम बनने से उछाल पर विपक्ष की उम्मीदें, शुरू हुई 2019 की तैयारी क्या लिखा था डायरी में? फैंटेसी की दुनिया में रहने वाले 14 वर्षीय शॉन ( काल्पनिक नाम ) ने अपनी डॉयरी में ऐसी बहुत सी बातें लिखी हैं जिससे शक होता है कि कहीं छात्र मानसिक तौर पर बीमार तो नहीं है? ये कहीं कोई गंभीर चेतावनी तो नहीं है? उसने अपनी डायरी में लिखा कि, “इंसानी कौम बेहद नीच और घिनौनी है, इसलिए सबको खत्म कर देने की आवश्कता है। इंसानों की दशा किसी अभिशाप और बोझ की तरह है। हर इंसान घिनौना और उसे मार दिया जाना चाहिए। मुझे भी, लेकिन अब मैं भगवान के रोल में रहूंगा और मैं तय करूंगा कि किसे जिंदा रहना चाहिए और किसे मर जाना चाहिए । शॉन ने अपने दोस्त सैम ( काल्पनिक नाम ) को स्कूल को खत्म करने की बात कही। शॉन ने कहा कि उसने एक प्लान बनाया है। ये सुनकर सैम बुरी तरह डर गया। शॉन ने गंभीर होते हुए अपने स्कूल प्लानर के नक्शे के पन्नों को फाड़ दिया और कहा कि हमें इन क्लासरूम में बम रख देने चाहिए और स्कूल को एक धमाके में उड़ा देना चाहिए। शॉन की अजीबे-गरीब हरकतों से सैम डर गया। सैम ने अपने कुछ खास लोगों से इस बात को बताया तो किसी के माध्यम से ये खबर पुलिस को भी पहुंच गई। पुलिस शॉन के इंग्लैंड के उत्तरी यॉर्कशायर के घर जा पहुंची। पुलिस ने घर की तलाशी ली तो एक डायरी हाथ लगी। इस डायरी में सारी बातें लिखी थीं। पूछताछ में शॉन ने कबूल किया कि ये डायरी उसकी है। लेकिन शॉन ने किसी का कत्ल, स्कूल में धमाके या लोगों को नुकसान पहुंचाने की साजिश से इनकार कर दिया। अदालत में भी खुद को निर्दोष बताया।
उल्टे सीधे विचारों से बचने के लिए लिखी डायरी डायरी में खतरनाक प्लॉट लिखने के बारे में शॉन ने अदालत और पुलिस को तर्क देते हुए जवाब दिया कि आपको समझना चाहिए कि ये सब काल्पनिक बातें हैं और केवल खयाल और कुछ भावनाओं का इज़हार भर है। शॉन ने कहा कि उसने यह सब इसलिए लिखा कि वह अपने दिमाग को उलटे-सीधे विचारों से खाली करना चाहता था। जॉन ने कहा कि वह मानसिक रोगी रहे हत्यारों के मनोविज्ञान को लेकर कल्पना की दुनिया में रहा है इसलिए उसके मन में ऐसे विचार रहे हैं जो डायरी में आ गए। उसने कहा कि वह उन कहानियों से प्रभावित था कि हत्यारों के मरने के बाद उनकी डायरियां मिलती हैं। शॉन ने कहा कि इन बातों को लिखने के पीछे उसका कोई मकसद नहीं था।यह ऐसे कथित हत्यारों को लेकर उसका आकर्षण भर था।आप को ये बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्टस में कहा गया है कि अप्रेल 2015 से लेकर 2017 की शुरुआत तक पूरे इंग्लैंड के स्कूलों से कुल 2579 हथियार ज़ब्त किए गए थे।