अर्थव्यवस्था में लाई जाएगी तेजी
आपको बता दें कि इस समय आम बजट की तैयारियां देश की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए की जा रही हैं। मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि लोकसभा चुनाव प्रचार के कारण देश की अर्थव्यवस्था में पहले की तुलना में सुस्ती आ गई है, जिसमें तेजी लाने के लिए बजट में कुछ खास योजनाएं बनाई जा रही हैं। वित्त वर्ष 2018-19 में अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसदी रही थी। मंत्रालय को वित्त वर्ष 2018-19 की अंतिम तिमाही में जीडीपी ग्रोथ गिरावट के साथ 6.3 फीसदी रहने का अनुमान है।
ये भी पढ़ें: मोदी की जीत से बाजार में आई बहार, Mutual Fund और SIP में निवेश करने पर मिलेगा 40 फीसदी तक का रिटर्न
किसानों और बेरोजगारी पर रहेगा फोकस
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्ण बजट में नई सरकार का फोकस पूरी तरह से किसानों, नौकरियों और निवेश पर रहेगा क्योंकि हामारे समाज में इस समय युवाओं के सामने सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है, इस बार मोदी सरकार ने जिसको पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा अगर किसानों की बात करें तो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने अंतरिम बजट में भी किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि की घोषणा की थी। इस योजना में सरकार की ओर से किसानों को सालाना 6 हजार रुपए देने का वादा किया गया था।
ग्रामीण रोजगार योजनाओं पर किया जा रहा फोकस
इसके अलावा आपको बता दें कि इस बार के बजट में दीर्घकालिक योजनाओं पर फोकस किया जाएगा क्योंकि एक्सपर्ट का मानना है कि अल्प अवधि की योजनाओं से ज्यादा फायदा दीर्घकालिक योजनाओं में मिलता है। इसके अलावा मंत्रालय ने बताया कि वह किसानों, कृषि क्षेत्र और इंडस्ट्री के कर्मचारियों को टैक्स में राहत देने पर भी विचार करेगा। इसके साथ ही नौकरियों को बढ़ाने पर सबसे ज्यादा फोकस किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरियों की समस्या को दूर करने के लिए ग्रामीण रोजगार योजनाओं पर भी फोकस किया जा रहा है।
ये भी पढ़ें: GST या नए कर लगाने के बाद सत्ता में वापसी करने वाले विश्व के पहले PM बने मोदी
GDP ग्रोथ बढ़ाने पर दिया जाएगा ध्यान
जीडीपी ग्रोथ को बढ़ाने के लिए भी सरकार के द्वारा कई नीतियां बनाई जा रही हैं क्योंकि एशियन डवलपमेंट बैंक (एडीबी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी ग्रोथ की दर 7.3 फीसदी तय की है औऱ इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सराकर को अफनी नीतियों में बदलाव करना होगा। वहीं, केंद्रीय स्टेटिस्टिक्स ऑफिस (सीएसओ) ने भी वित्त वर्ष 2018-19 की जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी की बजाए 7 फीसदी रहने की संभावना जताई है।
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार,फाइनेंस,इंडस्ट्री,अर्थव्यवस्था,कॉर्पोरेट,म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.