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लक्ष्य से कम रहा प्रत्यक्ष कर संग्रह
वित्त वर्ष के दौरान कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 11.38 लाख करोड़ रुपए रहा, जबकि लक्ष्य 12 लाख करोड़ रुपए का था। व्यक्तिगत आयकर संग्रह का लक्ष्य 10 फीसदी कम होकर 4.6 लाख करोड़ रुपए रहा। कर अधिकारियों ने संकेत दिया था कि व्यक्तिगत कर संग्रह का लक्ष्य ज्यादा था। इसे कम करने की मांग भी की गई थी। कॉरपोरेट कर संग्रह का लक्ष्य 6.7 लाख करोड़ रुपए था और वसूली 6.6 लाख करोड़ रुपए रही। वित्त वर्ष 2018 में 9.8 लाख करोड़ रुपए के संशोधित अप्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखा गया था, जबकि वास्तविक वसूली 9.95 लाख करोड़ रुपए रही।
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यह भी रहे लक्ष्य से पीछे
केंद्रीय जीएसटी संग्रह का संशोधित लक्ष्य 5 लाख करोड़ रुपए से 9 फीसदी कम होकर 4.5 लाख करोड़ रुपए रहा। सीमा शुल्क का संशोधित लक्ष्य 1.3 लाख करोड़ रुपए था और करीब 100 फीसदी शुल्क वसूल कर लिया गया। पिछले कुल मिलाकर अप्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2019 के 9.4 लाख करोड़ रुपए के संशोधित अनुमान से 10 फीसदी कम रहा। केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह भी लक्ष्य के 89 फीसदी पर ही ठहर गया।
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सीमा शुल्क, कॉरपोरेट कर में पूरा हुआ लक्ष्य
सीमा शुल्क संग्रह का लक्ष्य पूरी तरह हासिल कर लिया गया, जबकि इस लक्ष्य में 15 फीसदी इजाफा भी किया गया था। पिछले वित्त वर्ष में कई वस्तुओं के आयात शुल्क में इजाफा किए जाने से सीमा शुल्क संग्रह बढ़ा है। इसी तरह कॉरपोरेट कर का लक्ष्य भी पूरा हो गया, जबकि उसमें संशोधन कर 50,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई थी।
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