ये भी पढ़ें— फेड की दरों से भारतीय निवेशकों में मायूसी, लाल निशान पर खुले बाजार किनको देना होता है एडवांस टैक्स आयकर विभाग के अनुसार जिन भी व्यक्ति की टैक्स देनदारी एक वित्त वर्ष में 10 हजार रुपए से ज्यादा होती है, वे सभी एडवांस टैक्स के दायरे में आते हैं। यदि कोई व्यक्ति एडवांस टैक्स जमा नहीं करती है तो उसे आयकर की धारा 234B और 234C के तहत ब्याज के साथ भुगतान करना पड़ता है। वित्त वर्ष 2018-19 में एडवांस टैक्स जमा करने की अंतिम तारीख 15 जून 2018 है।
ये भी पढ़ें— पाकिस्तान के सामने बड़ा आर्थिक संकट, खतरे में अर्थव्यवस्था नौकरीपेशा-बिजनेसमैन दोनों को देना होता है एडवांस टैक्स आयकर विभाग के अनुसार नौकरीपेशा या बिजनेस करने वाले सभी प्रकार के करदाताओं को एडवांस टैक्स जमा करना होता है। हालांकि, जो सीनियर सिटीजन को इससे छूट मिलती है लेकिन यह छूट केवल उनको मिलती है जो किसी भी प्रकार का बिजनेस नहीं करते हैं। आयकर विभाग ने एडवांस टैक्स का भुगतान करने लिए करदाताओं को कारपोरेट एसेसी और नॉन कारपोरेट एसेसी में बांट रखा है।
ये भी पढ़ें— रिपोर्ट का दावा, भारत के पास विकसित देश बनने के लिए सिर्फ दस साल का समय चार किस्तों में जमा किया जाता है एडवांस टैक्स आयकर विभाग की ओर से करदाताओं को एक वित्त वर्ष में चार बार एडवांस टैक्स जमा करने की सुविधा दी जाती है। इन चार किस्तों में करदाता अपना टैक्स अदा कर सकता है। हालांकि नॉन कारपोरेट एसेसी को एडवांस टैक्स की पहली किस्त जमा नहीं करनी पड़ती है। एडवांस टैक्स जमा नहीं करने पर आपको इस पर एक फीसदी का ब्याज भी देना पड़ता है।
ये भी पढ़ें– एयर इंडिया को घाटे से उबारने के लिए ये बड़ा कदम उठा सकती है सरकार कब कितना टैक्स कॉरपोरेट असेसी 15 जून: कर देनदारी का 15% 15 सितंबर: कर देनदारी का 45%
15 दिसंबर: कर देनदारी का 75% 15 मार्च: पूरी कर देनदारी नॉन कॉर्पोरेट असेसी 15 जून: कोई कर देनदारी नहीं 15 सितंबर: कर देनदारी का 30% 15 दिसंबर: कर देनदारी का 60%
15 मार्च: पूरी कर देनदारी