पिता की ऊंगलियों को पकड़कर चलना सीख रहा था
बच्चा पैदा तो मां की कोख से होता है लेकिन उसका लालन—पालन पिता ही करता है। ऊंगली पकड़कर बेटे को चलाने की कोशिश करने वाले पिता ने ही अपने मासूम कलेजे के टुकड़े को ऐसी मौत दी कि सुनकर ही दिल कांप जाएगा।
बच्चा पैदा तो मां की कोख से होता है लेकिन उसका लालन—पालन पिता ही करता है। ऊंगली पकड़कर बेटे को चलाने की कोशिश करने वाले पिता ने ही अपने मासूम कलेजे के टुकड़े को ऐसी मौत दी कि सुनकर ही दिल कांप जाएगा।
सोमवार शाम को हुआ था लापता
सोमवार शाम अपने दस माह के बेटे लड्डू को साथ लेकर गए पिता मोहित उर्फ मोंटी पुत्र राणा प्रताप ने ही अपने मासूम की गला दबाकर हत्या कर दी। शव को आगरा में फेंककर वह फरार हो गया था। टूंडला पुलिस शव को अपने साथ ले आई थी। लड्डू की मौत की खबर जैसे ही परिवार के लोगों को लगी। परिवार में कोहराम मच गया। मासूम सा चेहरा और लड्डू के खेलने की आवाज जहां परिवार के सदस्यों को खुश कर देती थीं। उसे खिलाने के लिए मुहल्लेवासी भी घर तक पहुंच जाते थे।
सोमवार शाम अपने दस माह के बेटे लड्डू को साथ लेकर गए पिता मोहित उर्फ मोंटी पुत्र राणा प्रताप ने ही अपने मासूम की गला दबाकर हत्या कर दी। शव को आगरा में फेंककर वह फरार हो गया था। टूंडला पुलिस शव को अपने साथ ले आई थी। लड्डू की मौत की खबर जैसे ही परिवार के लोगों को लगी। परिवार में कोहराम मच गया। मासूम सा चेहरा और लड्डू के खेलने की आवाज जहां परिवार के सदस्यों को खुश कर देती थीं। उसे खिलाने के लिए मुहल्लेवासी भी घर तक पहुंच जाते थे।
लड्डू की मौत के बाद छा गया सन्नाटा
उसी घर में सन्नाटा सा छा गया था। बुधवार को जानकारी होने पर आस-पास के लोगों की भीड़ घर पर जमा हो गई। महिलाएं लड्डू की मां को सांत्वना दे रहीं थीं। मां की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। परिवार के सभी सदस्यों की आंखें जहां आंसुओं से गीली हो रहीं थी वहीं मासूम से चेहरे की याद करके मुहल्ले वासी भी आंखों के आंसू रोक नहीं सके।
उसी घर में सन्नाटा सा छा गया था। बुधवार को जानकारी होने पर आस-पास के लोगों की भीड़ घर पर जमा हो गई। महिलाएं लड्डू की मां को सांत्वना दे रहीं थीं। मां की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। परिवार के सभी सदस्यों की आंखें जहां आंसुओं से गीली हो रहीं थी वहीं मासूम से चेहरे की याद करके मुहल्ले वासी भी आंखों के आंसू रोक नहीं सके।