भाजपा की सभा में जिले भर के कार्यकर्ता शामिल हुए। इस मौके पर पूर्व सभापति राजकुमार हिसारिया, भाजपा नेता अमित सहू, जिला महामंत्री जुगलकीशोर गौड़, महावीर महला, लेखराम जोशी ,धर्मपाल सिहाग, उपसभापति नगीना बाई, कविंद्र सिंह, शराफत अली, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष सरोज लावा, एससी मोर्चा जिलाध्यक्ष नौरंग चांवरिया, ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष महंगा सिंह , महेंद्र चाहर, गुलाब सींवर, रामसिंह बराड़, पूर्व प्रधान अमर सिंह, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष रमेश बेनीवाल, भाजयुमो जिलाध्यक्ष सुशील जोशी, पूर्व चेयरमैन अमर सिंह राठौड़, जिला मीडिया प्रभारी दीपक खाती, नगर मंडल अध्यक्ष पवन श्रीवास्तव, प्रदेशमंत्री भाजयुमो रजनीश कस्वां, जसपाल सिंह, विजय झाझड़ा, प्रदीप ऐरी आदि मौजूद रहे।
टोल नाकों पर पुलिस की मौजूदगी में भाजपा कार्यकर्ताओं को रोककर उनकी गाडिय़ों पर लाठियां बरसाने के घटनाक्रम को लेकर पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप के नेतृत्व में भाजपा नेता पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन से मिले। भाजपा नेताओं ने बताया कि डबलीराठान व कोहला के टोल नाका पर बैठे लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में वहां से गुजर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार किया। भादरा के पूर्व विधायक संजीव बेनीवाल का कहना था कि जब वह कोहला टोल नाका पर पहुंचे तो उनकी गाड़ी को रूकवा लिया गया। आरोप है कि वहां मौजूद एक पुलिस इंस्पेक्टर ने उन्हें यहां तक कह दिया कि वह प्रदर्शनकारियों के पक्ष में नारे लगा दें तो वे उन्हें वहां से जाने देंगे। पूर्व विधायक बेनीवाल का कहना था कि डेमोक्रेसी में नारेबाजी करना व काले झंडे दिखाने का अधिकार है। लेकिन एक पुलिस इंस्पेक्टर को उन्हें यह कहने का अधिकार नहीं है।
एसपी से वार्ता के दौरान भाजपा नेताओं ने टोल बूथों पर किसानों की ओर से अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया। एसपी ने जब उनके खिलाफ शिकायत देने की बात कही तो भाजपा नेताओं ने कुछ देर के लिए चुप्पी साध ली। जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई ने कहा कि भविष्य में किसी भाजपा कार्यकर्ता के साथ टोल नाके पर इस तरह की कोई घटना न हो, इसके लिए पुलिस अधिकारियों को पाबंद किया जाए। अगर कार्यकर्ता के साथ कोई घटना होती है तो इसकी जिम्मेदार पुलिस होगी।
भाजपा की सभा में किसानों से जुड़े मुद्दे ही छाए रहे। तीनों कृषि कानून का भाजपा नेताओं ने समर्थन किया। सभा में भाजपा नेताओं ने किसान आंदोलन को लेकर भी खूब बयाजनबाजी की। टोल बूथों पर किसान आंदोलन से जुड़े लोगों पर खूब आरोप लगाए। इससे पहले पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत टोल बूथों से भाजपा नेताओं के गुजरने पर उन्हें काले झंडे दिखाए। कृषि कानून के विरोध स्वरूप गाडिय़ां रोकने का प्रयास किया। इससे कुछ देर के लिए माहौल तनावपूर्ण बन गया। डबलीराठान टोल बूथ पर विरोध के चलते कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं को वापस लौटना पड़ा।