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High Cholesterol : मिलेनियल्स और जेन जेड में क्यों बढ़ रहा है कोलेस्ट्रॉल

High cholesterol in young adults : लोग अक्सर सोचते हैं कि कोलेस्ट्रॉल सिर्फ़ बुज़ुर्गों की समस्या है, लेकिन हाल के सालों में युवाओं में भी इसका स्तर फाफी बढ़ा है। दिक्कत यह है कि ज्यादातर लोगों को इसका कोई लक्षण पता ही नहीं चलता, और जब तक पता चलता है तब तक देर हो चुकी होती है

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भारत

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Manoj Vashisth

Sep 23, 2025

High Cholesterol

High cholesterol in young adults : (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

High Cholesterol : ज्यादातर लोग कोलेस्ट्रॉल को एक ऐसी समस्या मानते हैं जो सफेद बालों और उम्र बढ़ने के साथ दिखाई देती है। इसे अक्सर ऐसी समस्या माना जाता है जिसकी जान च केवल वृद्ध लोगों को ही करवानी चाहिए। लेकिन वास्तव में कोलेस्ट्रॉल आयु तक इंतज़ार नहीं करता। आजकल की बिगड़ती लाइफ स्टाइल के कारण मिलेनियल्स और जेनरेशन Z पहले से ही जोखिम में हैं।

2015 में दिल्ली में 2,508 बच्चों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि उनमें से 23 प्रतिशत का कोलेस्ट्रॉल स्तर सामान्य से अधिक था। ये बच्चे 14 से 18 वर्ष की आयु के थे। 20 और 30 की आयु में धमनियों में प्लाक का निर्माण धीरे-धीरे शुरू हो सकता है। 40 या 50 की आयु में जब तक चेतावनी के संकेत दिखाई देते हैं तब तक क्षति पहले ही बढ़ चुकी होती है।

युवा लोगों के लिए यह समझना जरूरी है कि कोलेस्ट्रॉल सिर्फ मेडिकल रिपोर्ट पर लिखा हुआ नंबर नहीं है बल्कि आपके दिल की सेहत का लंबा अवधि वाला इशारा है।

हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण (Symptoms of High Cholesterol)

हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण अक्सर दिखाई ही नहीं देते। ये धीरे-धीरे नसों को नुकसान पहुंचाता है और आगे चलकर दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा देता है। ज्यादातर लोगों को लगता है कि ये सब उम्र बढ़ने पर होता है, लेकिन नसों में चर्बी (प्लाक) जमना तो कम उम्र में ही शुरू हो सकता है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो ये समस्या सालों तक बढ़ती रहती है और बाद में इसे ठीक करना बहुत मुश्किल हो जाता है। लेकिन अगर शुरुआत में ही नियंत्रण कर लिया जाए तो शरीर को रिकवर करने का मौका मिलता है और आगे बड़े ख़तरों से बचा जा सकता है।

प्रोसेस्ड खाना: पैकेट वाला खाना जिसमें ज्यादा वसा, चीनी और रिफाइंड कार्ब्स होते हैं – ये खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ाते हैं।

फास्ट फूड: बार-बार बर्गर, पिज़्ज़ा, फ्राइज़ जैसी चीजें खाने से वसा, नमक और कैलोरी शरीर में ज्यादा जमा होती है।

घर का खाना कम: बाहर का तला-भुना ज़्यादा और घर का हेल्दी खाना कम होने से डाइट असंतुलित हो जाती है।

मीठे ड्रिंक्स: सोडा और मीठे पेय ट्राइग्लिसराइड्स और वजन दोनों बढ़ाते हैं।

आज युवा वयस्कों के सामने आने वाले जोखिम

आज कल की लाइफ स्टाइल ने युवाओं के खाने, चलने-फिरने और आराम करने के तरीके को बदल दिया है। प्रोसेस्ड फ़ूड, मीठे पेय पदार्थ और बार-बार फास्ट फूड खाने से शरीर में खराब वसा का स्तर बढ़ने की संभावना होती है। डेस्क जॉब और लंबे समय तक स्क्रीन पर समय बिताने से शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है। तनाव और अनियमित नींद के पैटर्न मेटाबॉलिज़्म को बिगाड़ देते हैं। इन सब से कोलेस्ट्रॉल के स्तर में असंतुलन पैदा होता है।

बढ़ता मोटापा और शुरुआती टाइप 2 डायबिटीज इस जोखिम को और बढ़ा देते हैं। इसके अलावा, फैमिली हिस्ट्री को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया जैसी स्थितियाँ बिना जांच के नजरअंदाज हो सकती हैं और स्वस्थ दिखने वाले लोगों को भी प्रभावित कर सकती हैं।

30 की उम्र में कदम उठाने का महत्व

30 की शुरुआत रोकथाम का एक अच्छा समय होता है। कोलेस्ट्रॉल का अभी पता लगाना और उसका प्रबंधन करना, वर्षों तक होने वाले मूक नुकसान को रोकता है। कोलेस्ट्रॉल को जल्दी कम करने से न केवल लंबे समय में हृदय की रक्षा होती है, बल्कि ऊर्जा, एकाग्रता और जीवन की समग्र गुणवत्ता में भी सुधार होता है।

यह केवल जीवन में वर्षों को जोड़ने के बारे में नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि वे वर्ष सक्रिय और रोग मुक्त रहें।

स्वस्थ जीवन की ओर कदम

हार्ट हेल्थ की रक्षा के लिए हमेशा बड़े बदलावों की आवश्यकता नहीं होती है। 20 की उम्र में एक साधारण लिपिड प्रोफाइल और नियमित फॉलो-अप स्पष्टता प्रदान कर सकते हैं। तले हुए भोजन की बजाय ग्रिल्ड भोजन चुनना और फलों, ओट्स और सब्जियों के माध्यम से अधिक फाइबर युक्त भोजन लेना, बहुत फायदेमंद हो सकता है।

कम से कम 30 मिनट तक रोजाना व्यायाम करने से स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल संतुलन बना रहता है। धूम्रपान से बचना और शराब का सेवन सीमित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। पारिवारिक इतिहास जानने से जांच और देखभाल के बारे में समय पर निर्णय लेने में मदद मिलती है।