
जो बैंक नहीं पहुंच सकते उन तक खुद रुपये पहुंचाता है ये ATM Man, जानें कैसे करता है काम
संजय रजक की स्पेशल रिपोर्ट
इंदौर/ केन्द्र सरकार की ओर से डिजिटल इंडिया को प्रमोट करने के बाद अब देश के हर नागरिक का रिश्ता बैंकों से अधिक हो गया है। बैंकिंग व्यवस्था को आसान बनाने के लिए बैंकों द्वारा एटीएम फेसिलिटी को और भी सुलभ किया गया है। इसके अलावा, ऑनलाइन खरीदारी को भी मजबूत और आसान किया गया है, जिसके चलते इसका ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। लेकिन, देश में हजारों लोग ऐसे भी हैं, जो परिस्थितियों के कारण इन सुविधाओं का लाभ भी नहीं ले पाते। ऐसे लोगों के लिए पोस्टल विभाग के इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने एक ऐसा व्यक्ति नियुक्त किया है, जो ऐसे लोगों को रुपये मुहैय्या कराने के लिए किसी भी परिस्तिति में तत्पर रहता है और उनके तय स्थान पर पहुंचकर उन्हें जरूरत के रुपये मुहैय्या कराता है।
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जहां बुलाएंगे वहां पहुंचता है ATM Man
आदिवासी इलाकों में बसे खासकर दिव्यांग लोगों को बैंक या एटीएम तक भी पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इन्ही लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत कई तरह की आर्थिक सहायता राशि के रूप में दी जाती है। दिव्यांग होने के कारण इन लोगों को बैंक या एटीएम तक पहुंचने के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब सरकार की और से साल 2018 में 'आपका बैंक आपके द्वार' व्यवस्था शुरु की गई है। जिसके तहत आपकी जरूरत के अनुसार रकम मुहैय्या कराने के लिए एटीएम खुद आपके पास पहुंचेगा। इस व्यक्ति को 'एटीएम मैन' नाम दिया गया है। इन्ही में से एक एटीएम मैन हैं अरविंद धाड़से जिन्हें जिले के 20 से अधिक गांवों की जिम्मेदारी दी गई है। इन इलाकों मे कई स्थानों पर घनें जंगल हैं तो कहीं ऊंचे पहाड़ हैं, कहीं खेत हैं तो कही मार्ग ही नहीं है। ऐसे दुर्गम इलाकों पर भी पहुंचकर एटीएम मैन आपको आपकी जरूरत के रुपये पहुंचाता है।
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क्या कहते हैं लोग
गुंजारा गांव के किसान नरसिंह कोहली ने बताया कि जब भी रुपयों की जरूरत होती है, तो पोस्टमैन को फोन कर देते हैं। इसके बाद उन्हें कस्टमर केयर की ओर से एटीएम मैन के बचे काम और पहुंचने की दूरी के आधार पर समय दिया जाता है। तय समय पर एटीएम मैन आकर आधार नंबर की मदद से आपका अकाउंट खोलता है, फिर बायोमेट्रिक मशीन से आपका फिंगर प्रिंट लेकर जरूरत के रुपये मुहैय्या करा देता है।
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...तो लोगों से करनी पड़ती थी मिन्नतें
जिले के इमलीपुर गांव के दिव्यांग हरभान सिंह बताते हैं कि, उनके घर तक पहुंचने का कोई मार्ग नहीं है। बीच में नदी नाले भी आते है और जंगल भी। ऐसे दुर्गम इलाकों में निडरता के साथ हमारे रुपये हमें पहुंचाने का काम करते हैं। हरभान सिंह का कहना है कि, वो चल-फिर नहीं सकते और पेंशन के पैसे निकालने के लिए 15-20 कि.मी दूर चोरल स्थित बैंक जाना पड़ता था। कई बार लोगों से मिन्नत करना पड़ती थी कि, वो अपने वाहन से ले जाएं। उन्होंने कहा कि, लेकिन जब से एटीएम मैन की व्यवस्था शुरु हुई है, सिर्फ एक कॉल पर पोस्टमैन घर आकर, सिर्फ अंगूठे का निशान के आधार पर जरूरत के रुपये दे जाता है।
हाथोहाथ मिल जाते हैं रुपए
जिले में घने जंगल से घिरा चंद घरों वाला गुंजारा गांव भी है। यहां भी एक दिव्यांग गृहणी सावित्री बाई रहती हैं। जो चल फिर नहीं सकतीं। उन्हें अपने खाते से रुपए निकालने के लिए परिजन पर निर्भर रहना पड़ता था। उन्होंने बताया कि पहले पैसे निकालने-जमा करने में काफी दिक्कत आती थी। अब पोस्टमैन हाथोहाथ घर पर ही रुपए निकाल कर दे देते हैं। इसके साथ ही बिजली बिल, फोन रीचार्ज जैसे अन्य मूलभूत जरूरी काम भी सिर्फ एक अंगूठे के निशान पर घर बैठे ही पूरे हो जाते हैं।
ऐसे लिया जा सकता है सुविधा का लाभ
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक इंदौर ब्रांच से मिली जानकारी के अनुसार, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक नाम से 100 रुपए में खाता खुलता है। इसके साथ आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम(एइपीएस) द्वारा आधार नंबर और बायोमेट्रिक द्वारा हाथोहाथ पेमेंट जारी कर देते हैं। इसके लिए पोस्टमैन को वितरण के लिए पहले से नगद राशि दी जाती है।
Updated on:
26 Feb 2020 02:30 pm
Published on:
26 Feb 2020 02:27 pm
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