script

आखिर रिफाइनरी क्यों बेचना चाहते हैं मुकेश अंबानी, जानते हैं अंदर की कहानी

Published: Apr 20, 2019 03:08:57 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

पेट्रोकेमिकल्स मार्जिन पर चार साल में पहली बार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का मुनाफा
ऑपरेटिंग प्रॉफिट 5.5 फीसदी तिमाही-दर-तिमाही के आधार पर घटकर 13,704 करोड़ हुआ
पेट्रोकेमिकल कारोबार से कंपनी का राजस्व 8 प्रतिशत कम होकर 42,414 करोड़ रुपए पर आया

Mukesh Ambani

आखिर रिफाइनरी क्यों बेचना चाहते हैं मुकेश अंबानी, जानते हैं अंदर की कहानी

नई दिल्ली। कुछ दिन पहले खबर आई थी कि मुकेश अंबानी सऊदी अरेबिनय ऑयल कंपनी तथा अबु धाबी नेशनल ऑयल कंपनी को अपनी ऑयल रिफाइनरी की 25 फीसदी हिस्सेदारी बेच रहे हैं। जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज में मुकेश अंबानी के लिए ऑयल रिफाइनरी का कारोबार सबसे ज्यादा मुनाफे वाला रहा है। लेकिन बीते चार साल में मुकेश अंबानी को इसी सेगमेंंट में मुनाफे में कमी आई है। आंकड़ों की मानें तो एक दशक से अधिक वक्त तक कंपनी की आय की रीढ़ रही पेट्रोकेमिकल्स और रिफाइनरी कंपनियों की कुल आय में हिस्सेदारी 83 फीसदी से घटकर 77 फीसदी पर पहुंच गई। यह खुलासा रिलायंस चौथी तिमाही वित्तीय परिणाम में हुआ है। जिसकी वजह से मुकेश इसकी हिस्सेदारी बेचने में लगे हैं। आने वाले दिनों मुनाफे में कटौती और कम ना हो जाए उससे पहले मुकेश अंबानी इस कारोबार को सेटल करने में जुट गए हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मुकेश अंबानी के लिए सोने का अंडा देने वाला यह कारोबार कैसे घाटे का सौदा बन गया।

यह खबर भी पढ़ेंः- Happy Birthday Mukesh ambani: इन तीन वजहों से खास है मुकेश अंबानी का इस बार का जन्मदिन

कुछ इस तरह से घटा है मुनाफा
ब्लूमबर्गक्विंट की रिपोर्ट के अनुसार पेट्रोकेमिकल्स मार्जिन पर चार साल में पहली बार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का मुनाफा कम हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से मार्च की तिमाही में इस कारोबार का मुनाफा 4.2 फीसदी कम होकर 8,556 करोड़ रुपये पर आ गया। यह बीते चार साल में पहली गिरावट है। अगर बात कंपनी के रेवेन्यू की करें तो जनवरी से मार्च की अवधि में कंपनी का रेवेन्यु 16.5 फीसदी घटकर 83,597 करोड़ रुपये पर आ गया। जबकि तीसरी तिमाही में कंपनी के रेवेन्यू में 1 लाख करोड़ रुपये का अंतर था। वहीं ऑपरेटिंग प्रॉफिट में भी कटौती देखने को मिली है। ऑपरेटिंग प्रॉफिट 5.5 फीसदी तिमाही-दर-तिमाही के आधार पर घटकर 13,704 करोड़ रुपए हो गया, जबकि इसका ऑपरेटिंग मार्जिन 190 आधार अंक बढ़कर 16.4 फीसदी हो गया। अगर ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन की बात करें तो तीसरी तिमाही के जीआरएम में कटौती देखने को मिली है। आंकडों की मानें तो तीसरी तिमाही में जीआरएम 8.8 डॉलर प्रति था जो चौथी तिमाही में गिरकर 8.2 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

पेट्रो कैमिकल कारोबार में 8 फीसदी की गिरावट
जनवरी-मार्च की अवधि में पेट्रोकेमिकल कारोबार से कंपनी का राजस्व 8 प्रतिशत कम होकर 42,414 करोड़ रुपए पर आ गया। वहीं तीसरी तिमाही में यह राजस्व 46,246 रुपए था। बीती 9 तिमाहियों में ऐसा पहली बार हुआ है जब मुकेश अंबानी को पेट्रो कैमिकल कारोबार में घाटा हुआ है। 2018 के पहले क्वार्टर से 2019 के तीसरे क्वार्टर तक मुकेश अंबानी के इस कारोबार को करीब 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार बढ़ा है।

मुकेश इन कारोबार पर ज्यादा ध्यान
वहीं दूसरी ओर मुकेश अंबानी ने नए कारोबारों पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया है। जहां रिलायंस के टेलीकॉम सेक्टर को पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में रिलायंस जियो का शुद्ध लाभ चार गुना बढ़कर 2,964 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 723 करोड़ रुपये था। वहीं दूसरी ओर रिटेल कारोबार की ओर से मुकेश अंबानी का रुख ज्यादा ही बढ़ गया है। आने वाले दिनों में मुकेश अंबानी इसे भी बढ़ाने पर काम कर रहे हैं।

 

Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्‍ट्री, अर्थव्‍यवस्‍था, कॉर्पोरेट, म्‍युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.

ट्रेंडिंग वीडियो