जयपुर के मानसरोवर में तमाशबीनों की भीड़ के बीच एक बूढ़ी मां मदद की गुहार करती रही, लेकिन किसी की मदद का हाथ उसे सहारा देने के लिए नहीं उठा। इससे भी बड़ी विड़म्बना ये कि करीब 70 वर्ष की इस बूढ़ी मां से मारपीट करने वाली खुद इसकी बेटी थी।
वो बेटी जिसे पहले तो 9 महीने तक इस मां ने अपनी कोख में पाला और फिर जिंदगी की तकलीफों से बचाते हुए अपने आंचल की छांव में बड़ा किया। आज वही बेटी सरेआम इसे धमकियां देती हुई पीट रही थी।
वजह चाहे जो भी रही हो, लेकिन दुनिया का कोई भी कानून किसी मां पर हाथ उठाने और उसे सरेराह बेइज्जत करने की इजाजत नहीं देता। खैर तमाशबीनों की इस भीड़ के बीच जब हमारे संवाददाता की नजर इस लाचार महिला पर पड़ी तो उन्होंने सबसे पहले 100 नंबर पर फोन कर इसकी सूचना पुलिस को दी। इस बीच हमारे तथाकथित सभ्य समाज से कुछ लोगों ने पूरा वाकिया बयां किया।
फोन आते ही पुलिस की पीसीआर वैन तुरंत यहां पहुंची
पुलिस को सामने देख इस बूढ़ी मां की आंखों से आंसुओं का सागर बहने लगा। इसने बताया कि इसकी बेटी हमेशा इसके साथ मारपीट करती है। जब वो पुलिस के पास शिकायत लेकर जाने लगी तो उसकी बेटी ने बीच रास्ते में ही उससे मारपीट शुरू कर दी।
पुलिस को सामने देख इस बूढ़ी मां की आंखों से आंसुओं का सागर बहने लगा। इसने बताया कि इसकी बेटी हमेशा इसके साथ मारपीट करती है। जब वो पुलिस के पास शिकायत लेकर जाने लगी तो उसकी बेटी ने बीच रास्ते में ही उससे मारपीट शुरू कर दी।
दर्द भरी नजरों से मदद के लिए बढ़ते हाथों को तलाशती इस बूढ़ी मां ने कहा कि वो अब घर वापस नहीं जाना चाहती। हमारे संवाददाता ने जब इस मां को पुलिस को भरोसा दिलाया तो वो पुलिस के साथ जाने को राजी हो गई। जो मां अपने दूध से अपनी बेटी को सींचती है, उसी मां पर उठते हाथ ममता के बरकद की जड़ों पर कुल्हाड़ी मारें तो दिल से यहीं आह निकलती है। किसी को ना दीजो ऐसी बेटी।