सूरजपोल मंडी में थोक चीनी वर्तमान में 3310 से 3425 रुपए प्रति क्विंटल टैक्स पेड बिकने लगी है। एक्सपोर्ट ड्यूटी हटाई केन्द्र सरकार ने घरेलू बाजार में चीनी की गिरती कीमतों को थामने के लिए उस पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी हटा दी है। सरकार के इस फैसले से चीनी उद्योग को खासी राहत मिली है। गौरतलब है कि शुगर इंडस्ट्री इस समय मुश्किल दौर से गुजर रही है। हालांकि ड्यूटी खत्म करने से सरकार को मौजूदा एक्सपोर्ट वॉल्यूम पर करीब 75 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
शुगर स्टॉक्स गिरे इस खबर के बाद शुगर स्टॉक्स में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। कई शुगर स्टॉक्स तो 52 सप्ताह के लो पर पहुंच गए। बलरामपुर चीनी मिल्स, द्वारिकेश शुगर मिल्स, बन्नारी अम्मान शुगर्स, बजाज हिंदुस्तान, मवाना शुगर्स और थिरु अरूरन शुगर्स के शेयर ट्रेडिंग के दौरान 52 हफ्ते की निचाई पर पहुंच गए। शेयरों में लगभग 10 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है।
चीनी मिलों की मुसीबत बना ज्यादा उत्पादन पहले से ही गन्ना बकाए की समस्या से जूझ रही देश की शुगर इंडस्ट्री के लिए ज्यादा उत्पादन बड़ी मुसीबत बन सकता है। अब इंडस्ट्री की आस एक्सपोर्ट पर टिकी है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने हाल ही एक बयान के माध्यम से जानकारी दी है कि 28 फरवरी तक देश की 522 चीनी मिलों में 43 कारखानों में गन्ने की पेराई बंद हो गई है। उत्पादन बढऩे के अनुमान से चीनी में और मंदी के आसार व्यक्त किए जा रहे हैं। देश में इस साल 300 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है।
इनका कहना है कि… शुगर एंड खांडसारी ट्रेड एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के महामंत्री,श्रीवल्लभ काबरा ने बताया की चीनी मिलों को किसानों का करीब 14 हजार करोड़ रुपए का भुगतान करना है, लिहाजा चीनी मिलें हर भाव पर चीनी की बिक्री कर रही हैं, जिससे भाव लगातार नीचे आ रहे हैं। मिलों को भारी नुकसान हो रहा है। आने वाले दिनों में भी मंदी बनी रह सकती है।