
आईसीयू के गेट पर लटक रहा ताला (फोटो- पत्रिका)
SMS Hospital Fire: जयपुर: एसएमएस अस्पताल स्थित ट्रोमा सेंटर में आग से जलकर राख हुए न्यूरोसर्जरी विभाग के आईसीयू के कायाकल्प का काम अठारह दिन बाद भी अभी तक शुरू नहीं हो सका। इससे अस्पताल में गंभीर मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
आईसीयू बेड की कमी के कारण रोजाना सात से आठ मरीजों को बांगड़ परिसर में शिफ्ट करना पड़ रहा है। आईसीयू मरम्मत में देरी की वजह एफएसएल से एनओसी नहीं मिलना बताई जा रही है।
दरअसल, पांच अक्टूबर की रात ट्रोमा सेंटर के न्यूरोसर्जरी वार्ड में आग लग गई थी। उसमें छह मरीजों की मौत हो गई थी। आग के धुआं से आईसीयू के समीप दूसरे आईसीयू और ऑपरेशन (ओटी) कॉम्प्लेक्स में भी नुकसान हुआ था।
इसके बाद से दोनों आईसीयू अभी तक बंद पड़े हैं। उनको मरम्मत कर दोबारा चालू करने की प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है। वहीं, ओटी कॉम्प्लेक्स में भी आठ में से महज दो ही ओटी संचालित हैं, जिससे मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है।
बताया जा रहा है कि न्यूरोसर्जरी आईसीयू और उसके समीप के आईसीयू दोनों को एक करने पर मंथन चल रहा है। दोनों को एक करने से प्रवेश और निकास द्वार भी अलग-अलग हो जाएंगे। इसके अलावा दोनों आईसीयू में अलग-अलग बने केबिन भी हटाने व एक नर्सिंग स्टेशन, डॉक्टर ड्यूटी रूम बनाए जाने प्रस्तावित हैं। हालांकि, अभी ये काम फाइलों में ही चल रहा है।
अस्पताल में रोजाना 300 से अधिक गंभीर मरीज आते हैं। ऐसे में दो आईसीयू बंद होने से समस्या और बढ़ गई है, जिससे रोजाना कई गंभीर मरीजों को यहां से एसएमएस अस्पताल के बांगड़ परिसर में भर्ती करने के लिए भेजा जा रहा है।
इतना ही नहीं, कई मरीजों की सर्जरी भी एसएमएस के ओटी में ही हो रही है। ऐसे में मुख्य बिल्डिंग और ट्रोमा सेंटर के बीच मरीज व उनके परिजन चक्करघिन्नी हो रहे हैं।
एफएसएल को मेल भेजा हुआ है। जैसे ही एनओसी मिलेगी काम शुरू कर देंगे। इसका खाका तैयार किया जा चुका है। एचओडी से मिलकर आईसीयू में कायाकल्प, स्ट्रक्चर में बदलाव, जरूरत को लेकर चर्चा करेंगे। संभवत: अगले सप्ताह की शुरुआत में काम शुरू हो जाएगा।
-डॉ. बीएल यादव, नोडल प्रभारी, ट्रोमा सेंटर, एसएमएस अस्पताल
Updated on:
24 Oct 2025 09:38 am
Published on:
24 Oct 2025 09:36 am
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