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Rajasthan : राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने औद्योगिक क्षेत्रों में बिना एनओसी भूजल निकासी पर सख्ती दिखाई। राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में भूजल निकासी को लेकर पांच साल में की गई कार्रवाई के बारे में केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण से 19 नवम्बर तक रिपोर्ट तलब की गई है। सुनवाई के दौरान प्राधिकरण ने कहा कि बिना एनओसी भूजल निकासी रोकने की कार्रवाई का अधिकार कलक्टरों के पास है, जो कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इस पर एनजीटी ने सभी कलक्टरों से बिना एनओसी भूजल निकासी पर सख्त कार्रवाई करने और भूजल प्राधिकरण से भूजल संकट रोकने के तत्काल कदम उठाने का निर्देश भी दिया।
एनजीटी की सेंट्रल जोन बेंच के न्यायिक सदस्य शिवकुमार सिंह व सुधीर कुमार चतुर्वेदी ने ताहिर हुसैन के प्रार्थना पत्र पर यह आदेश दिया। परिवादी की ओर से कहा कि केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण ने 24 सितम्बर 2020 को सभी राज्यों को बिना एनओसी भूजल निकासी पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद बिना एनओसी भूजल निकाला जा रहा है।
एक रिपोर्ट का हवाला देकर यह भी कहा कि 409 से अधिक औद्योगिक क्षेत्रों में बिना अनुमति भूजल की निकासी हो रही है। इस मामले में भूजल प्राधिकरण ने जवाब दिया कि कलक्टर औद्योगिक क्षेत्रों में कार्रवाई के लिए अधिकृत हैं। एनजीटी ने बार-बार निर्देश देने के बावजूद केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण व कलक्टर के नियमानुसार कार्रवाई नहीं करने पर सख्ती दिखाई है। साथ ही प्राधिकरण व कलक्टरों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
भूजल निकासी पर केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों की पालना को लेकर विधानसभा ने हाल ही में विधेयक तो पारित कर दिया, लेकिन राज्यपाल से मंजूरी नहीं मिलने के कारण यह अभी कानून का रूप नहीं ले पाया। उल्लेखनीय है कि यह विधेयक 2 बार प्रवर समिति को भेजा गया, जिसके बाद सितम्बर माह में विधानसभा ने विधेयक को पारित कर दिया। हालांकि जलदाय मंत्री कन्हैयालाल ने सदन में आए कुछ सुझावों पर सहमति जताई, लेकिन लाचारी जताते हुए कहा कि अभी तो विधेयक को पारित करना है संशोधन के बाद में दूसरा विधेयक ले आएंगे।
Published on:
01 Oct 2025 11:08 am
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