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राजस्थान के इस मेगा हाईवे का 40 KM का इलाका बना एक्सीडेंट जोन, 2 साल में इतने लोगों की ले चुका है जान

Rajasthan Accident: पिछले 24 माह के आंकड़ों पर गौर करें तो जयपुर-भीलवाड़ा मेगा हाईवे पर 40 किलोमीटर के दायरे में आठ लोगों की मौत हो चुकी है।

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File Photo Patrika

Rajasthan Accident: जयपुर/पहाड़िया। जयपुर-भीलवाड़ा मेगा हाईवे पर हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। दुर्घटनाओं का मुख्य कारण सिंगल लेन हाईवे की कम चौड़ाई सामने आ रही है। सड़क पर ओवरटेक के चक्कर में भारी वाहन दुपहिया वाहन चालकों को चपेट में ले रहे हैं। पिछले 24 माह के आंकड़ों पर गौर करें तो 40 किलोमीटर के दायरे में आठ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब साठ से अधिक लोग घायल हुए हैं।

हाईवे की चौड़ाई कम होने के कारण टीलावाला मोड़ से लेकर मुहाना मोड़ तक का हिस्सा 'एक्सीडेंट जोन' बनता जा रहा है। यहां आमने-सामने से आने वाले बड़े वाहन ओवरटेक करते समय दुपहिया वाहनों को टक्कर मारकर निकल जाते हैं।

जयपुर-भीलवाड़ा मेगा हाईवे और राजस्थान स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अधिकारियों की अनदेखी के चलते मार्ग पर जगह-जगह गहरे गड्ढे भी हादसों को न्योता दे रहे हैं।

हाल ही में हुए हादसे

7 अक्टूबर को रातल्या बस स्टैंड के पास रामचंद्र धाणका निवासी मोहब्बतपुरा व विमलेश कुमार धाणका निवासी खातीपुरा तहसील सांगानेर की हादसे में मौत हुई। वहीं 4 नवंबर को बालावाला बस स्टैंड के पास सांवरमल बैरवा निवासी कास्या फागी की मौत हुई।

इनके अलावा लाल फार्म के पास, बाण्यावाली बस स्टैंड के पास, टीलावाला पुलिस चौकी के पास, रेनवाल मांजी बालाजी मोड़ के पास और हरसूलिया लक्ष्मी फार्म के पास भी एक-एक जने की मौत हो चुकी है।

क्या कहते हैं अधिकारी

इस संबंध में राजस्थान स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर मोहित पाराशर ने बताया कि जयपुर-भीलवाड़ा मेगा हाईवे सड़क मार्ग के खतरनाक घुमावों पर जगह चिन्हित कर संकेतक बोर्ड लगवाने का प्रयास किया जाएगा ताकि हादसों में कमी लाई जा सके।


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