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सरहद से सटी बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर हर बार होता है घमासान चुनाव

यहां से अब तक नौ बार कांग्रेस और तीन बार भाजपा ने जीत दर्ज कराई है। इसके अलावा पांच अन्य की जीत हुई है। यहां अब तक 17 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Mar 14, 2024

सरहद से सटी बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर हर बार होता है घमासान चुनाव

सरहद से सटी बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर हर बार होता है घमासान चुनाव

क्षेत्रफल के दृष्टि से देश का दूसरा सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र
बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र
जयपुर। पश्चिम राजस्थान के भारत-पाक सीमा के सटे बाड़मेर जैसलमेर क्षेत्र की यह सीट कांग्रेस के गढ़ के लिए जानी जाती रही थी। यहां से अब तक नौ बार कांग्रेस और तीन बार भाजपा ने जीत दर्ज कराई है। इसके अलावा पांच अन्य की जीत हुई है। यहां अब तक 17 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। यहां सबसे ज्यादा सांसद बनने का रेकॉर्ड कर्नल सोनाराम चौधरी के नाम रहा है। वे अब तक चार बार यहां से जीत दर्ज करा चुके हैं। इनमें तीन बार कांग्रेस व एक बार भाजपा से जीते हैं। इस सीट पर भाजपा ने जहां कैलाश चौधरी को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस में कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। कांग्रेस में वापस लौट चुके कर्नल सोनाराम प्रमुख दावेदारों में गिने जा रहे हैं। इसके अलावा हरीश चौधरी, हेमाराम चौधरी, मानवेन्द्र सिंह के नाम भी भी प्रमुख दावेदारों में आ रहे हैं। इसके अलावा यहां से रालोपा से भी गठबंधन किए जाने की भी चर्चा चल पड़ी है।

अब तक केवल दो ही बने मंत्री
इस सीट से जीते सांसदों में से अब तक केवल दो सांसदों को ही केन्द्र में मंत्री बनने का मौका मिल पाया है। इनमें कल्याण सिंह कालवी केन्द्र में ऊर्जा मंत्री बने थे। वहीं वर्तमान सांसद व प्रत्याशी कैलाश चौधरी को केन्द्रीय कृषि मंत्री बनाया गया था।

चौधरी दूसरी बार मैदान में
भाजपा की पहली सूची दो मार्च को जारी हुई थी। इस सूची में बाड़मेर-जैसलमेर से कैलाश चौधरी के नाम की घोषणा हो गई थी। कैलाश चौधरी वर्तमान में यही से ही सांसद हैं और केन्द्रीय कृषि मंत्री भी हैं। चौधरी का यह चुनाव लगातार दूसरी बार होगा।भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी को हार के बाद भी पिछली बार टिकट मिला था। कैलाश चौधरी ने वर्ष 2018 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था। वे हार गए थे। इसके बावजूद उन्हें लोकसभा में टिकट दिया गया। उन्होंने पिछले चुनाव में मानवेन्द सिंह को करारी शिकस्त दी थी। पहली बार सांसद बनते ही मंत्री पद भी मिल गया था।

जसवंत सिंह ने लड़ा था बागी होकर चुनाव
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा के कद्दावर नेता रहे जसवंत सिंह जसोल ने बागी होकर चुनाव लड़ा था। वे यहां से टिकट मांग रहे थे। लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला, बल्कि कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को टिकट दे दिया गया। इससे जसोल नाराज हो गए और बागी होकर चुनावी समर में कूद गए थे। हालांकि उनकी हार हुई, लेकिन वे दूसरे स्थान पर रहे। इनकी वजह से कांग्रेस प्रत्याशी हरीश चौधरी को तीसरे स्थान पर रहना पड़ा था।
जब 2019 के लोकसभा चुनाव हुए तो तब तक मानवेन्द्र कांग्रेस में जा चुके थे। उन्होंने भाजपा से खुली बगावत कर ली थी। वे तो वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के सामने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩे के लिए बाड़मेर से झालारापाटन तक पहुंच गए थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन्हें अपना प्रत्याशी बनाया। जबकि मानवेन्द्र सिंह वर्ष 2004 का चुनाव भाजपा के टिकट से जीता था। मानवेन्द्र सिंह अब तक इस सीट से तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।

अभी भाजपा लग रही मजबूत
विधानसभा क्षेत्र अनुसार बात की जाए तो यहां से भाजपा फिलहाल मजबूत नजर आ रही है। बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र लगते हैं। इनमें पांच पर भाजपा, दो पर निर्दलीय और एक बार कांग्रेस है। इनमें बाड़मेर व शिव विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय ही जीते हैं।


बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र
विधानसभा क्षेत्र---विधायक-- पार्टी
जैसलमेर--- छोटू सिंह भाटी--- बीजेपी
शिव--- रवीन्द्र सिंह भाटी--- निर्दलीय
बाड़मेर--- प्रियंका चौधरी--- निर्दलीय
बायतु--- हरीश चौधरी--- कांग्रेस
पचपदरा--- अरुण चौधरी--- बीजेपी
सिवाना--- हमीर सिंह भायल--- बीजेपी
गुढ़ामालानी--- केके बिश्नोई--- बीजेपी
चौहटन--- आदूराम मेघवाल--- बीजेपी

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लोकसभा के सदस्य
वर्ष--- सदस्य--- दल
1952--- भवानी सिंह--- स्वतंत्र
1957--- रघुनाथ सिंह बहादुर--- स्वतंत्र
1962--- तन सिंह--- रामराज्य परिषद
1967--- अमृत नाहटा--- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971--- अमृत नाहटा--- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977--- तन सिंह--- जनता पार्टी
1980--- विरधी चंद जैन--- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई)
1984--- विरधी चंद जैन--- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989--- कल्याण सिंह कालवी--- जनता दल
1991--- रामनिवास मिर्धा--- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1996--- सोनाराम--- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1998--- सोनाराम--- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1999--- सोनाराम--- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2004--- मानवेन्द्र सिंह--- भारतीय जनता पार्टी
2009--- हरीश चौधरी--- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2014--- सोनाराम--- भारतीय जनता पार्टी
2019--- कैलाश चौधरी--- भारतीय जनता पार्टी
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पिछले चार लोकसभा चुनावों का गणित
वर्ष-2019
दल--- उम्मीदवार--- वोट प्रतिशत
बीजेपी--- कैलाश चौधरी--- 846,526--- 59.52
कांग्रेस--- मानवेन्द्र सिंह--- 5,22,718--- 36.75
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वर्ष-2014
बीजेपी--- सोनाराम--- 4,88,747--- 40.62
निर्दलीय--- जसवन्त सिंह--- 4,01,286--- 33.35
कांग्रेस--- हरीश चौधरी--- 2,20,881--- 18.36
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वर्ष-2009
कांग्रेस--- हरीश चौधरी--- 4,16,497--- 53.04
बीजेपी--- मानवेन्द्र सिंह--- 2,97,391--- 37.87
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वर्ष-2004
बीजेपी--- मानवेन्द्र सिंह--- 6,31,851--- 60.25
कांग्रेस--- सोनाराम चौधरी--- 3,59,963--- 34.32
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