पूर्व में उनका आईएफएस में भी यचन हो चुका है। देशलदान ने आईएएस में 82वीं रैंक हासिल कर अपने घर-परिवार, समाज और जिले का भी नाम रोशन किया है। देशलदान के आईएएस चयन की खबर मिलते ही उनके पैतृक घर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और उत्सव जैसा माहौल हो गया है।
लगातार बधाई देने वालों का तांता लग गया है। चाय बेचने वाले अपने पिता के सपनों को साकार करते हुए देशलदान ने विपरीत परिस्थितियों में अपने मुकाम को हासिल किया। गौरतलब है कि देशलदान सुमेलियाई गांव के निवासी है और उनके पिता कुशलदान रतनू पेशे से किसान है। वे वर्तमान में यूनियन चौराहे पर चाय की स्टाल चलाते हैं।
कुशलदान ने कड़ी मेहनत करके अपने बेटे देशलदान की परवरिश की। बचपन से ही देशलदान पढ़ाई में अव्वल था और उसके पिता ने भी हर मौके पर अपने बेटे का सहयोग किया। चाय की स्टाल लगाने वाले पिता को विश्वास था कि देशलदान उसका नाम रोशन करेगा। शिक्षा को लेकर पिता कुशलदान ने अपने बेटे देशलदान की हर क्षेत्र में मदद की। वहीं आज उसके बेटे ने भी उनकी उम्मीदों पर खरा उतरते हुए पिता का नाम रोशन कर दिया है। देशलदान की पढ़ाई के दौरान उसके पिता ने ब्याज पर पैसे लेकर भी उसकी शिक्षा को लगातार जारी रखा। वही बेटे ने अपनी मेहनत से पिता के सपने को पूरा कर दिखाया।
10वीं रैंक, 11वीं आैर 12वीं रैंक राजस्थान से :
भीलवाड़ा के अभिषेक सुराणा की दसवीं रैंक, सवाई माधोपुर के सिद्धार्थ जैन की 11वीं, जयपुर की आशिमा मित्तल ने 12वीं, अजमेर के शिशिर गेमावत की 35वीं, जैसलमेर के देशलदान ने 82वीं रैंक रही। कोटा के अनंत जैन की 85वीं, अजमेर के प्रतीक जैन की 86वीं, जयपुर की कृतिका जैन की 197वीं व दीपक जेवरिया की 880वीं रैंक रही।
भीलवाड़ा के अभिषेक सुराणा की दसवीं रैंक, सवाई माधोपुर के सिद्धार्थ जैन की 11वीं, जयपुर की आशिमा मित्तल ने 12वीं, अजमेर के शिशिर गेमावत की 35वीं, जैसलमेर के देशलदान ने 82वीं रैंक रही। कोटा के अनंत जैन की 85वीं, अजमेर के प्रतीक जैन की 86वीं, जयपुर की कृतिका जैन की 197वीं व दीपक जेवरिया की 880वीं रैंक रही।