जानकारी के अनुसार, फ्रांस से स्वर्णनगरी भ्रमण पर पहुंचे जीन पटवा हवेली को निहारते हुए निकल रहे थे। इसी दौरान आवारा बैल वहां से भागते हुए आया और फ्रांस निवासी जीन पर हमला कर दिया। हालांकि अचानक हुए हमले से जीन ने अपने को बचाया। लेकिन फिर भी उनके कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर आ गया।
सबसे बड़े पर्यटक स्थल पर नहीं है उपचार
जानकारों की माने तो स्वर्ण नगरी पर्यटन की दृष्टी से विश्वविख्यात है, लेकिन यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव होने से दुर्घटनाओं व आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सकीय प्रबंधन नहीं है। हड्डी के फ्रैक्चर आने की स्थिति में भी जोधपुर या गुजरात जाकर उपचार करवाना पड़ता है।
जानकारों की माने तो स्वर्ण नगरी पर्यटन की दृष्टी से विश्वविख्यात है, लेकिन यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव होने से दुर्घटनाओं व आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सकीय प्रबंधन नहीं है। हड्डी के फ्रैक्चर आने की स्थिति में भी जोधपुर या गुजरात जाकर उपचार करवाना पड़ता है।
मौत से भी नहीं लिया सब
जानकारों की मानें तो आवारा पशुओं के हमले से गत दिनों जयपुर में एक विदेशी सैलानी की मौत हो गई थी। जिसके बाद यहां के पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था की पोल को खोल कर रख दिया और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक फजीहत झेलने के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था के बंदोबस्त तगड़े नहीं किए गए।
जानकारों की मानें तो आवारा पशुओं के हमले से गत दिनों जयपुर में एक विदेशी सैलानी की मौत हो गई थी। जिसके बाद यहां के पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था की पोल को खोल कर रख दिया और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक फजीहत झेलने के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था के बंदोबस्त तगड़े नहीं किए गए।
जैसलमेर पर्यटन की दृष्टी से प्रदेश का सबसे बड़ा स्थल है। जहां सालानो पांच लाख से अधिक सैलानी देस-विदेश से यहां आते है, लेकिन फिर भी यहां आवारा पशुओं से निजात नहीं मिल पा रही।
मालूम हाे कि कुछ दिन पहले ही जयपुर में अर्जेंटीना के 29 वर्षीय जॉन पाबलो लैंपी की सांड के हमले से मौत हो गई थी। इसके बाद भी पर्यटकाें की सुरक्षा काे लेकर काेर्इ इंतजाम नहीं किए गए। धाैलपुर में आवार सांड के हमले में हाल ही में एक महिला की भी माैत हाे चुकी है।
जिसके बाद उन्हें घायलावस्था में सरकारी अस्पताल लाया गया, जहां हड्डी विशेषज्ञ की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद रैफर किया गया। जानकारी के अनुसार जीन उपचार के अभाव में वहां से एयर एबुलेंस का प्रबंधन कर जैसलमेर से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। अब उनका उपचार दिल्ली में करवाया जा रहा है।